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मेघालयः 16 Year Girl can take decision for sex  नाबालिग से रेप के मामले में सुनवाई करते हुए मेघालय उच्च न्यायालय ने अहम फैसला देते हुए आरोपी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने ये टिप्पणी की है कि 16 साल की लड़की सेक्स को लेकर फैसला लेने में सक्षम है। बता दें कि याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि आपसी सहमति से ही शारीरिक संबंध बने थे।

16 Year Girl can take decision for sex  मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा, ’उस उम्र (16 साल की आयु के नाबालिग के संदर्भ में) के किशोर के शारीरिक और मानसिक विकास को देख रहा कोर्ट इस बात को तर्कसंगत मानेगा कि ऐसा व्यक्ति संभोग के संबंध में अपने लिए भलाई के फैसले लेने में सक्षम है।श् दरअसल, याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि उसके और कथित पीड़िता के बीच संबंध सहमति से बने थे और दोनों एक-दूसरे से प्रेम करते थे।




मिली जानकारी के अनुसार, याचिकाकर्ता कई घरों में काम करता था और कथित पीड़िता के साथ संपर्क में आ गया। आरोप लगाए जा रहे हैं कि दोनों याचिकाकर्ता के रिश्तेदार के घर गए, जहां दोनों ने शारीरिक संबंध बनाए। अगले ही दिन सुबह नाबालिग लड़की की मां की तरफ से आईपीसी की धारा 363 और पॉक्सो एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत थ्प्त् दर्ज करा दी गई थी।

याचिकाकर्ता का कहना था कि उस मामले को यौन हिंसा के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि नाबालिग ने खुद ही कोर्ट को और अपने बयान में खुलकर बताया है कि वह याचिकाकर्ता की प्रेमिका है। साथ ही उसने यह भी पुष्टि की है कि शारीरिक संबंध मर्जी से ही बने हैं, जिसमें जबरदस्ती नहीं की गई है। दरअसल, मेघालय उच्च न्यायालय ने इस मामले में मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को माना। कोर्ट ने पाया कि सर्वाइवर के आयुवर्ग में लोगों के मानसिक और शारीरिक विकास को देखते हुए यह माना जा सकता है कि वे यौन संबंधों के मामले में ठीक फैसला लेने में सक्षम हैं।

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