Indian News : बुरहानपुर | मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में 400 वर्षों पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए बालाजी महाराज को ताप्ती नदी में राजसी स्नान करवाया गया। यह परंपरा कुंभ स्नान की तरह मानी जाती है और सतियार घाट पर आयोजित तीन दिवसीय मेले का शुभारंभ हो चुका है, जिसमें मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान समेत अन्य राज्यों के श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

ताप्ती नदी में बालाजी महाराज का राजसी स्नान : बालाजी उत्सव समिति द्वारा इस परंपरा का पालन हर वर्ष धूमधाम से किया जाता है। इस वर्ष भी 400 वर्षों की परंपरा का निर्वहन करते हुए बालाजी महाराज को ताप्ती नदी के सतियार घाट पर स्नान करवाया गया। तीन दिवसीय इस आयोजन में भक्त बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं।

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मेले की भव्य शुरुआत : सतीयार घाट पर लगे इस मेले में भक्तों के लिए कई सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। आज शाम मेले में डांडिया रास और देवी माता का जागरण भी आयोजित किया जाएगा। इस उत्सव के दौरान बालाजी महाराज हर रात भक्तों के घर जाकर दर्शन देते हैं, जो 14 दिनों तक चलता है।




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ताप्ती नदी के बढ़ते जलस्तर से मची हलचल : मेले के बीच अचानक ताप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने से कई दुकानें नदी के पानी में डूब गईं। प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दुकानों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करवाया और मेले की व्यवस्था को सुचारू बनाए रखा।

प्रशासन की तैयारियां : तीन दिवसीय इस मेले के लिए प्रशासन ने विशेष तैयारियां की हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। साथ ही, पानी की निकासी और यातायात की व्यवस्था भी दुरुस्त की गई है।

धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव का केंद्र : यह मेला न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यहां परंपराओं के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। बालाजी उत्सव बुरहानपुर के इतिहास और संस्कृति का प्रमुख हिस्सा है, जिसमें हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं।

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