Indian News : नगर पालिक निगम में कुछ लोग पीएम आवास दिलाने के नाम पर गरीब लोगों से ठगी कर रहे हैं। इनका बकायदा स्टिंग किया गया है। ये लोग नगर निगम की फर्जी सील, साइन और नोटशीट तैयार कर लोगों को दे रहे हैं। इसके एवज में वो लोग गरीबों से 60-60 हजार रुपए ले रहे हैं। लोगों द्वारा दिए गए दस्तावेज को निगम ने फर्जी करार दिया है। इसके बाद भी निगम के जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने से बच रहे हैं। मामले में भाजपा पार्षद व नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा ने कहा कि निगम अधिकारियों को इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाकर गरीबों का पैसा वापस करवाना चाहिए। साथ ही साथ निगम कमिश्नर को चाहिए कि वो आम्रपाली कॉलोनी की जमीन पर बने पीएम आवास में रह रहे लोगों की सत्यता की जांच करें। यहां बड़े पैमाने पर लोग कब्जा करके फर्जी तरीके से रह रहे हैं।

बताया जा रहा है कि, इन आवासों को किराए से उठाया जा रहा है। साथ ही साथ गरीबों से पैसा लेकर उन्हें वो कमरा गलत तरीके से आवंटित किया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि निगम कमिश्नर अभी छुट्टी पर है। उनके आते ही वो इस मामले को उनके रखेंगे। इसके बाद भी यदि कार्रवाई नहीं की गई तो वो वकील से सलाह लेकर निगम और आरोपी पक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएंगे।

भोजराज सिन्हा ने बताया कि हीरादास नाम का युवक जो अपने आपको निगम का कर्मचारी और पत्रकार बताता है, उसने तीन लोगों से ठगी की है। उसने वैकुंठधाम में रह रहे छन्नू लाल, मूलचंद और एक अन्य व्यक्ति से 60-60 हजार रुपए सहित कुल एक लाख 80 हजार रुपए लिया है। इसके एवज में उसने उन्हें नगर पालिक निगम भिलाई की लॉटरी से मकान आवंटन का कागज दिया। उसने दस्तावेज में लिखा है कि मकान अलाट करने के लिए 3 लाख रुपए देना होगा। इसमें 60 हजार रुपए पहले और शेष राशि 10-10 हजार रुपए किश्त के रूप में ली जाएगी। इन दस्तावेज में उसने बकायदा निगम का आवक जावक नंबर, प्रभारी अधिकारी की सील साइन भी मारा है।

निगम के अधिकारी ने कहा सभी दस्तावेज फर्जी
नगर निगम भिलाई के योजना विभाग के प्रभारी अधिकारी विद्याधर देवांगन को जब ये दस्तावेज दिखाए गए तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ये दस्तावेज फर्जी हैं। इसमें निगम की जो सील और साइन हैं वो भी फर्जी हैं। इतना बड़ा भ्रष्टाचार होने के बाद भी निगम के अधिकारी इस पर कार्रवाई करने की बात से पीछे हट रहे हैं।

भाजपा पार्षद पीयूष मिश्रा का कहना है कि ये मामला केवल तीन लोगों को आवास आवंटित करने का नहीं है। ऐसे कई लोग होंगे जिनके साथ इस तरह का फर्जीवाड़ा किया गया है। निगम को चाहिए कि वो आम्रपाली आवास के पीछे बने व भिलाई निगम के अंतर्गत बने 4 हजार पीएम आवास में रह रहे लोगों की जांच करे कि कौन आवंटन के बाद रह रहा है और कौन फर्जी तरीके से रह रहा है। फर्जी तरीके से रहने वाले सभी लोगों से मकान खाली कराया जाना चाहिए और पात्र लोगों को मकान आवंटित किया जाना चाहिए।

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