Indian News : रायपुर । सदन में रहकर भी मंत्री कवासी लखमा के द्वारा उत्तर नहीं देने का मुद्दा आज फिर गरमाया। कवासी लखमा के विभाग के प्रश्नों के जवाब वन मंत्री मोहम्मद अकबर दे रहे थे। इस पर भाजपा के बृजमोहन अग्रवाल और अजय चन्द्राकर ने आपत्ति उठाई।

उन्होंने कहा कि संसदीय इतिहास में आज तक कभी मंत्री की उपस्थिति के बावजूद दूसरे मंत्री के जवाब देने का कोई उदाहरण नहीं है। सत्ता पक्ष के ऐसे व्यवहार पर विपक्ष ने नाराजगी जताई। उपाध्यक्ष संतराम नेताम से व्यवस्था भी मांगी। अग्रवाल ने कहा कि विपक्ष के अधिकारों का हनन हो रहा है।

इसके पहले भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कल रविंद्र चौबे ने कहा था कि विपक्ष सदन में जानवरों जैसा आवाज निकाल रहे है. क्या इस सदन में जो बैठे उन्हें रैबिज का इंजेक्शन लगता है. यह खाली हमारा अपमान नहीं है. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष को डाटा गया है, इसलिए वह अपनी चेयर पर नहीं बैठ रहे है. मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि लगातार विपक्ष के विधायक आसंदी पर उंगली उठा रहे उन्हे चुनौती दी जा रही है. इस पर आसंदी ने कहा कि असंसदीय टिपाणियो को विलोपित करने का प्रावधान है.

नारायण चंदेल ने कहा कि कल मुख्यमंत्री ने अपने उत्तर में असंसदीय भाषा का उपयोग किया है तो उसे विलोपित की जाए. बृहस्पत सिंह ने कहा कि विपक्ष के विधायक आदिवासियों का अपमान करने वाले लोग है. 90 लोगों के सदन में केवल 4 लोगों ने ठेका ले रखा है क्या.

दोनों पक्षों में हंगामे के बीच मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि 18 साल हम भी प्रतिपक्ष में रहे है. दोनों पक्षों की जवाबदारी है. आप आसंदी में बैठे है. शब्दों की मर्यादा क्या केवल हमारे लिए है, यह सभी की जवाबदारी है. हर प्रश्न क्या केवल आप करेंगे, हम सुनेगे. हम सुन भी रहे है, और सरकार जवाब देने के लिए भी तैयार है.

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