Indian News : दुर्ग | प्लेसमेंट और मिशन क्लीन सिटी वर्करों की बेमियादी हड़ताल के कारण शुक्रवार को भी दुर्ग शहर में दूसरे दिन सफाई नहीं हुई। 60 वार्डों व 12 प्रमुख बाजारों में जगह जगह कचरा फैला रहा। गुरुवार की तरह शुक्रवार को 90 नियमित सफाई कर्मियों में से 50 फीसदी ही ग्राउंड पर उतरे। शेष ने अघोषित तौर पर हड़ताली पर गए कर्मियों के समर्थन में काम बंद रखा। हड़ताल को खत्म करने निगम प्रशासन ने दूसरे दिन हालांकि संयुक्त मोर्चा को उनकी बिंदू वार मांगों के परिप्रेक्ष्य में लिखित जवाब दिया लेकिन हड़ताली सफाई कर्मी उसे स्वीकार नहीं किए।
वजह यह कि दिए गए जवाब में निगम प्रशासन ने नियमों का हवाला देकर उनकी अधिकतर मांगों को अनियमित करार दिया, इसलिए हड़ताल खत्म नहीं हुई। संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधियों ने शाम तीन बजे एक दिन पूर्व शुरू हुई अनिश्चित कालीन हड़ताल को जारी रखने का एलान किया। उधर निगम प्रशासन ने कहा कि शनिवार को एक बार फिर वे सफाई कर्मियों को हड़ताल वापस लेने के लिए समझाएंगे। यानी शनिवार को एक बाद फिर दोनों पक्षों में वार्ता होगी।
सफाई कामगारों के विरोध प्रदर्शन का बीजेपी समर्थित पार्षदों ने समर्थन किया है। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा के नेतृत्व में पार्षद प्रदर्शन स्थल भी पहुंचे। वर्मा ने कहा कि शहर की सफाई व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित है। इस अवसर पर पूर्व सभापति दिनेश देवांगन, नरेश तेजवानी, ओम प्रकाश सेन, अजीत वैद्य सहित अन्य मौजूद थे। इधर वार्ड 12 में विरोध स्वरूप बीजेपी कार्यकर्ताओं ने वार्ड में सफाई अभियान चलाया। इस अवसर पर बंटी चौहान, राम पासवान, शैलेन्द्र बोरकर, विनय बंसोड, राजा साहू, सागर तेलघोटे, आकाश मेश्राम आदि मौजूद थे।
जानिए सफाई को लेकर कर्मचारियों और निगम के बीच मतभेद की प्रमुख वजह
ठेकेदारी बंद हो, निगम सफाई कराए, कर्मियों को लाभ होगा।
शासन से ठेकेदारी में ही सफाई कराने निर्देश जारी हुए हैं।
61 एमसीसी वर्करों को प्लेसमेंट में रखा जाना चाहिए।
अतिरिक्त कर्मियों की मांग है 61 को जरूर प्राथमिकता देंगे।
मिशन क्लीन सिटी वर्करों को न्यूनतम मजदूरी मिलनी चाहिए।
राज्य शासन से एमसीसी में 6000 रु. ही देनाॉ तय है। इसे बढ़ाने की मांग निगम ने की है।
जो दूसरी जगह हैं, उन्हें भी सुविधाएं दिया जाना चाहिए।
1 मार्च 23 से उन्हें भी ईएसआ ईसी, ईपीएफ लाभ देंगे।
प्लेसमेंट कर्मियों को एक ठेके में रखा जाना सुनिश्चित हो।
आयुक्त ने इस पर विचार करने निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जल्द निर्णय लिया जाएगा।
कर्मच रियों को हटाने की प्रथा पर रोक लगाया जाए।
स्टैंडिंग कमेटी से चर्चा करने के बाद ही नियमत: कर्मी हटाया जाना तय किया है।
स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर एमबी बीएस की नियुक्ति हो।
वर्तमान में शासन से इसके लिए कोई निर्देश नहीं है।
कोरोना में काम करने के लिए 15% बोनस मिलना चाहिए।
शासन को पत्र लिखेंगे, मिलते ही तीन किस्तों में देंगे। इस पर निर्णय हो चुका है।
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