Indian News : बिलासपुर | भवन नियमतीकरण के मामले को नगर निगम के अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। 9 महीने में बड़ी मुश्किल से 445 मकान व दुकानों का नियमितीकरण किया गया है। इसके लिए 15 हजार से अधिक लोगों को नोटिस जारी किया था, जिसमें से 1155 ने नियमितिकरण के लिए आवेदन किया है। नगर निगम के अधिकारियों की माने तो छोटे बड़े मिलाकर 70 वार्ड में 1 लाख से अधिक मकान नियमितीकरण करने के लायक हैं। इसके अलावा 9 हजार से अधिक दुकानें है। अफसरों की फौज वाली नगर निगम में नियमितिकरण के आवेदनों की संख्या को देखकर नगर निगम आयुक्त कुणाल दुदावत आठों जोन कमिश्नर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

वहीं नगर निगम के राजस्व विभाग में 64 एआरआई हैं, इनको नियमितिकरण के लिए जोन द्वारा जारी किए गए नोटिस को बांटा नहीं जा रहा है। इससे नाराज होकर सोमवार को आयुक्त ने सभी को कारण बताओ जारी कर दिया है। राज्य सरकार द्वारा नगर निगम सीमा क्षेत्र में बिना नक्शा पास कराए बनाए गए मकानों का नियमितिकरण कराने के लिए 14 जुलाई को आदेश जारी किया था। जिसमें 12 सौ वर्ग फीट तक निर्माण करने वाले को पेनल्टी नहीं लगेगी लेकिन उसको मकान के अनुरुप नक्शा पास कराकर नगर निगम में जमा करना होगा।

नियमितीकरण को लेकर नगर निगम आयुक्त ने 13 मार्च को विकास भवन में बैठक ली। नियमितिकरण का आंकड़ा देखकर नगर निगम आयुक्त नाराज हुए और आठों जोन कमिश्नरों को तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी किया गया । सभी जोन कमिश्नरों को 24 घंटे के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है । वहीं नोटिस बांटने में आनाकानी करने वाले एआरआई को भी नोटिस देने का निर्देश दिए हैं। इसके अलावा 31 मार्च के पूर्व राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए।

राज्य शासन द्वारा विकास कार्यों के लिए नगर निगम को 50 करोड़ की राशि मिली है। इसमें से निगम सीमा में जुड़े नए क्षेत्र विशेषकर पूर्व ग्राम पंचायतों में 21 करोड़ की लागत से प्रत्येक ग्राम पंचायत में डेढ़ करोड़ के विकास कार्य किए जाएंगे। इसके लिए निगम कमिश्नर कुणाल दुदावत ने सभी जोन कमिश्नर को प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा शहर के जिन स्थानों में लाइट नहीं है और अंधेरी गलियों का चिन्हांकन कर प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए गए है,ऐसे स्थानों में स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी।

नगर निगम आयुक्त ने कहा है भवन नियमितिकरण में परफार्मेंस सबसे कमजोर होगा, ऐसे जोन कमिश्नर और एआरआई के वेतन वृद्धि की कार्रवाई करने का निर्देश दिए हैं। आयुक्त के आदेश के बाद नगर निगम के अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा है।

भवन नियमितिकरण का क्या नियम है? इसे कैसे कराना है, इसके लिए नगर निगम के अधिकारियों ने पार्षदों के साथ बैठक नहीं की है। वार्ड के नागरिक पार्षद के पास जाते हैं तो वे लोग इसकी जानकारी नहीं होने की बात कहकर नगर निगम भेज देते हैं। लगातार नोटिस जारी किए जाने से लोग परेशान हैं।

भवन नियमितीकरण के मामले को गंभीरता से नहीं लेने वालों को नोटिस जारी किया गया है। सभी जोन कमिश्नर को 24 घंटे में जवाब देने के आदेश दिए गए हैं।

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