Indian News : छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित डिमरापाल मेडिकल कॉलेज के 130 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं। रविवार की रात डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज के बाहर नेशनल हाईवे में कैंडल मार्च निकाला। साथ ही बॉलीवुड का फेमस सॉन्ग ‘तुम तो धोखेबाज हो, वादा कर के भूल जाते हो’ गाकर अनोखा प्रदर्शन किया। डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था बिगड़ गई है। ऐसा बताया जा रहा है कि केवल एक ही डॉक्टर के भरोसे OPD चल रही है।

डॉक्टर पुष्पराज प्रधान ने बताया कि, 19 जनवरी से मेडिकल कॉलेज के 130 डॉक्टर मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं। इनमें इंटर्न, बॉन्ड, समेत मेडिकल स्टूडेंट्स भी शामिल हैं। हर दिन अलग-अलग तरह से प्रदर्शन किया जा रहा है। हड़ताल के चौथे दिन रविवार की रात कैंडल मार्च निकाला गया। साथ ही सरकार को जगाने के लिए गाना गाकर प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि, जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी तब तक सारे डॉक्टर्स हड़ताल पर बैठे रहेंगे।

जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से मेकाज की व्यवस्था बिगड़ गई है। केवल एक ही डॉक्टर के भरोसे OPD चल रही है। इसके साथ ही छोटे-छोटे ऑपरेशन और सर्जरी करने भी डॉक्टर नहीं है। वार्ड में भर्ती मरीजों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज होकर दूसरे अस्पताल चले गए हैं। कई वार्ड में बेड भी खाली हो गए हैं।

डॉक्टर पुष्पराज ने बताया कि, जूनियर डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से मुलाकात की है। जिन्होंने मांग पर विचार करने की बात कही है। इसके अलावा 25 और 26 जनवरी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जगदलपुर प्रवास पर रहेंगे। जिनसे भी मुलाकात कर मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा जाएगा। मांग पूरी नहीं होने पर हड़ताल जारी रहेगी।

जूनियर रेसिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना है कि, अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ के जूनियर रेसिडेंट डॉक्टरों को कम मानदेय दिया जा रहा है। मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर पिछले 4 सालों में कई बैठकें हुईं। पत्राचार भी किया गया। लेकिन, फिर भी मांग पूरी नहीं हुई। इसी के विरोध में 17 जनवरी को मेडिकल कॉलेज के जूनियर रेसिडेंट डॉक्टर्स, इंटर्न और मेडिकल स्टूडेंट्स ने काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया था। जिसके बाद 19 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए है।.

डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर जिले के लोग निर्भर हैं। इन जिलों के जिला अस्पतालों से मरीजों को सीधे मेकाज ही रेफर किया जाता है। यहां इलाज के लिए कई स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स, विभिन्न जांच के लिए मशीनें उपलब्ध है। जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से परेशानियां बढ़ सकती हैं।

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