Indian News : रायपुर । छत्तीसगढ़ शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत 2018-19 में सहायक विकास विस्तार अधिकारी की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आई हैं। कुल 213 पदों पर नियुक्ति की जानी थी लेकिन तीन अलग-अलग सूची के माध्यम से 228 लोगों को नियुक्ति दी गई। निुयक्तियों में मेरिट सूची को भी दरकिनार किया गया और किसी की भी नियुक्ति कर दी गई। जिन 15 अतिरिक्त पदों पर नियुक्ति दी गई उन लाभार्थियों के नाम मेरिट सूची में शाामिल नहीं हैं।

आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी से इस फर्जीवाड़ा का पता चला है। भारतीय जनता पार्टी सरकार के दौरान 2018 में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में सहायक विकास विस्तार अधिकारी के 213 पदों पर भर्ती के लिए वयवसायिक परीक्षा मंडल ने 29 अक्टूबर 2017 को परीक्षा आयोजित की थी इस परीक्षा मेेंं 204794 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। जिसका रिजल्ट 12 जून 2018 को जारी किया गया था। इन पदों पर पदस्थापना आदेश के लिए पहली सूची 1 अक्टूबर 2018 को जारी की गई जिसमें कुल 187 अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई थी।

इस सूची में जिन अभ्यर्थियों के नाम शामिल किए गए थे उनमें से कई अभ्यर्थियों के नाम मेरिट सूची में शामिल पहले 213 अभ्यर्थियों में नहीं थे। इन्हें मेरिट सूची में शामिल अभ्यर्थियों को नजरअंदाज कर नियुक्ति दी गई। इसके बाद दो अन्य सूची एक ही तारीख 4 सितंबर 2019 को क्रमश: 18 और 23 पदों पर पदस्थापना के लिए जारी की गई। इस तरह तीनों सूची को मिलाकर कुल 228 पदों पर नियुक्ति दी गई। जबकि कुल 213 पदों पर नियुक्ति का ही प्रस्ताव था। अतिरिक्त 15 पदों पर नियुक्ति के लिए न तो कोई स्वीकृति ली गई ना हि विज्ञापन में आवश्यकतानुसार पदों में बढ़ोत्तरी का कोई उल्लेख था।

इससे संबंधित किसी मंत्री के नोटशीट का भी हवाला नहीं दिया गया है। इन 15 पदों पर नियुक्ति किस आधार पर की गई इसका उल्लेख उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों में नहीं किया गया है। जिससे पता चलता है कि इन पदों पर परीक्षा और मैरिट सूची में शामिल अभ्यर्थियों से बाहर के उम्मीदवारों को नियुक्ति दी गई है। जो इन नियुक्तियों में भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है। इस फर्जी वाड़े के चलते मैरिट सूची में शामिल कई अभ्यर्थी लाभान्वित होने से वंचित रह गए।

@indiannewsmpcg

Indian News

You cannot copy content of this page