Indian News : बलरामपुर | राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण व राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वाधान व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर तालुका विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा जनपद के सभाकक्ष में महिलाओं के अधिकारों को लेकर महिला जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
जागरूकता शिविर में तालुका विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व्यवहार न्यायाधीश आकांक्षा बेक ने कहां की कानून महिलाओं को अनन्य अधिकार प्रदान करता है और उनके सुरक्षा के लिए कठोर नियम बनाए गए हैं महिलाओं की समाज में भागीदारी बढ़ रही है और अब महिलाएं समाज में हर और दिखाई दे रही हैं, चिकित्सा, शिक्षा, सेवा,न्याय, प्रशासन में महिलाओं के भागीदारी से महिलाओं के अंदर आज विश्व आत्मविश्वास भी बढ़ा है और अब बढ-चढ के महिलाएं हर काम में अपनी भागीदारी दिखा रही हैं।
भारतीय दंड संहिता 2013 के संशोधन प्रावधानों के संबंध में चर्चा करते हुए न्यायाधीश सुश्री आकांक्षा बेक ने कहा कि नए प्रावधान पुराने कानून को पूरी तरह से बदल कर अत्यंत कठोर बना दिया गया है कामकाजी महिलाओं के लिए भी कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से निपटने के लिए कमेटियां बनाई गई हैं और उन्हें व्यापक अधिकार दिए गए हैं, दहेज प्रतिषेध अधिनियम के आलावा संपत्ति में महिलाओं के बराबरी के अधिकार महिलाओं को भरण पोषण प्राप्त करने के अधिकार घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम और अन्य कानूनों की जानकारी दी आगे उन्होंने यह भी कहा कि अभी हमारी बहनों के कदम चल पड़े हैं
और मंजिलों के लिए दौड़ लगाना बाकी है समाज को पूरी तरह से बदलने के लिए अभी और कोशिशें करने की जरूरत है कानूनी अधिकारों के अलावा समाज में लोगों के मनोवृति में बदलाव लाने की जरूरत है जिससे समूचा परिदृश्य बदलेगा।
इस अवसर पर उपस्थित महिलाओं के प्रश्नों के भी जवाब और उनके कानूनी समाधान भी न्यायाधीश आकांक्षा बेक ने बताए।
आज उपरोक्त आयोजन के दौरान डॉक्टर खेमलता सिंह,अधिवक्ता सुषमा दुबे आत्मानंद विद्यालय की शिक्षिका श्रद्धा वर्मा,शिक्षा विभाग से अंजू गुप्ता,प्रीति सिन्हा व पुलिस विभाग से श्रीमती संतोषी पांडे,अनु पैकरा,धनीराम यादव भी उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन इकलाख खान द्वारा किया गया।
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