Indian News : पंडरिया ब्लॉक के दूरस्थ वनांचल में कई एेसे गांव हैं, जहां गर्मी में जल संकट पैदा हो जाती है। श्रमदान से इस संकट से निजात पाने की अभी से कोशिश शुरू हो गई है। प्रभावित गांवों में श्रमदान से झिरिया खोदी जा रही है। ताकि गर्मी से पहले पेयजल व निस्तारी के लिए इनमें पर्याप्त पानी सहेजा जा सके। ग्राम पंचायत कांदावानी और उसके 11 आश्रित गांवों में नई झिरिया खोदने के साथ ही पुरानी झिरिया की सफाई की जा रही है। गांव के महिला व पुरुष श्रमदान से झिरिया खोद रहे हैं, ताकि पेयजल समस्या का सामना कर सके। इन गांव में 6 पुराने झिरिया की सफाई कर चुके हैं।

वहीं नई झिरिया की खुदाई की जा रही है, जिसका उपयोग पेयजल के लिए किया जाना है। ग्राम भलीनदादर निवासी मंती बाई, टिर्री बाई, धोबा बैगा, फूल बाई और कार्तिक राम बैगा बताते हैं कि पेयजल और निस्तारी के लिए अलग-अलग झिरिया है।

भलीनदादर में हैं 47 परिवार, कई बोर फेल: कांदावानी पंचायत के ग्राम भलीनदादर में एक भी हैंडपंप नहीं है। स्थानीय लोगों की मानें, तो गांव में कई बार बोर खनन किया गया, लेकिन हर बार फेल हो गया। बरसात के पानी काे सहेजने के लिए टंकी बनाए हैं, वह भी अनुपयोगी है।

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