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Indian News : Chhattisgarh : छेरछेरा (Cher Chera) छत्तीसगढ़ का प्रमुख त्योहार है, बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाने वाला त्योहार है. छेरछेरा तिहार (चेरचेरा फेस्टिवल) छत्तीसगढ़ में दान करने का पर्व माना जाता है, इस दिन छत्तीसगढ़ में युवक युवती एवं बच्चे सभी छेरछेरा शेयर चेरा मागने घर घर जाते हैं।

छत्तीसगढ़ में छेरछेरा त्यौहार का अलग ही महत्व है सदियों से मनाया जाने वाला यह पारम्परिक लोक पर्व अलौकिक है क्योंकि इस दिन रुपये पैसे नहीं बल्कि अन्न का दान करते हैं, इस दिन कोई ब्राह्मण या पण्डित नहीं बल्कि सभी लोग छेरछेरा के रुप में अन्न दान मागते हैं।

छत्तीसगढ़ी लोक नृत्य डंडा नृत्य

छेरछेरा त्यौहार को मानने की वज़ह

यह कथा छेरछेरा। बाबू रेवाराम की पांडुलिपियों से पता चलता है, की कलचुरी राजवंश के कोसल नरेश “कल्याणसाय” व मण्डल के राजा के बीच विवाद हुआ, और इसके पश्चात तत्कालीन मुगल शासक अकबर ने उन्हें दिल्ली बुलावा लिया। कल्याणसाय 8 वर्षो तक दिल्ली में रहे, वहाँ उन्होंने राजनीति व युद्धकाल की शिक्षा ली और निपुणता हासिल की।

8 वर्ष बाद कल्याणसाय, उपाधि एवं राजा के पूर्ण अधिकार के साथ अपनी राजधानी रतनपुर वापस पंहुचे। जब प्रजा को राजा के लौटने की खबर मिली, प्रजा पूरे जश्न के साथ राजा के स्वगात में राजधानी रतनपुर आ पहुँची। प्रजा के इस प्रेम को देख कर रानी फुलकेना द्वारा रत्न और स्वर्ण मुद्राओ की बारिश करवाई गई और रानी ने प्रजा को हर वर्ष उस तिथि पर आने का न्योता दिया। तभी से राजा के उस आगमन को यादगार बनाने के लिए छेरछेरा पर्व  की शुरुवात की गई। राजा जब घर आये तब समय ऐसा था, जब किसान की फसल भी खलिहानों से घर को आई, और इस तरह जश्न में हमारे खेत और खलिहान भी जुड़ गए।

कब मनाया जाता है

लोक परंपरा के अनुसार पौष महीने की पूर्णिमा को प्रतिवर्ष छेरछेरा का त्योहार मनाया जाता है। गाँव के युवक घर-घर जाकर डंडा नृत्य करते हैं और अन्न का दान माँगते हैं। धान मिंसाई हो जाने के चलते गाँव में घर-घर धान का भंडार होता है, जिसके चलते लोग छेर छेरा माँगने वालों को दान करते हैं।

‘छेर छेरा ! माई कोठी के धान ला हेर हेरा !’ यही आवाज़ आज प्रदेश के ग्रामीण अंचल में गूंजी और दान के रूप में धान और नगद राशि बांटी गई। राज्य का राजा घर आये या खेतो की फसल, एक तरह से जब खुशी आपके दरवाज़े दस्तक दे यही है छेरछेरा पर्व।

खुशी के इस पर्व की सभी को शुभकामनाएं।

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