Indian News : असम करीमगंज जिले के रामकृष्णनगर सर्कल के अंतर्गत विद्यानगर कई वर्षों तक असम चाय निगम (आईटीसी) द्वारा बागान चलाया जाता था और इसका उपयोग चाय श्रमिकों या कार्यालय कर्मचारियों द्वारा किया जाता था लेकिन पिछले अगस्त में इसे एक निजी प्रतिष्ठान में बदल दिया गया था |
मालिकों ने 20 सितंबर (बुधवार) को पुराने कीमती मशीनरी ले जाने की योजना बनाई थी, जिसे बागान के चाय श्रमिकों ने रोक दिया । ताकि उक्त उद्यान का कोई भी कीमती उपकरण यहां से न ले जाया जाए ।
इस भीषण स्थिति से निपटने के लिए करीमगंज जिले के अतिरिक्त एस.पी. रामकृष्णनगर के सर्किल ऑफिसर और रामकृष्णनगर थाने के ओसी समेत सीआरपीएफ बल मौके पर पहुंचे और पुरानी कीमती मशीनों को काटने आए मालिक के आदमियों को औजारों सहित थाने भेजकर स्थिति को संभाला । बगान पंचायत के लोगों का कहना है कि मालिक अपने स्वार्थ के लिए उन्हें बिना बताये चोरी छुपे यह सब करने आया था. मालूम हो कि नई मशीनें लगाने के लिए पुरानी मशीनों को काटा जा रहा था । इसलिए बागान मजदूरों का कहना है कि नई मशीन लगाने के बाद पुरानी मशीन को कहीं और रख देना चाहिए था लेकिन मलिक ने ऐसा नहीं किया क्योंकि मालिक के मन में कुछ और ही चल रहा था.
मालिकों के बीच इसकी प्रामाणिकता को लेकर कई सवाल थे क्योंकि प्रत्येक बागान में एक पंचायत होती है और उन्हें इस बारे में सूचित किया जाना आवश्यक था । श्रमिकों का यह भी कहना है कि पुराने मशीनरी सामान जो कुछ भी है उन सामानों को काट कर ले जाने की कोई अनुमति नहीं दिया जाएगा उनका साफ कहना है कि विद्यानगर चाय बागान का ये धरोहर है। हालाँकि, यह ज्ञात है कि विभिन्न निर्णयों द्वारा नई बागान पंचायत के गठन के बाद ही इस मुद्दे का समाधान किया जाएगा ।
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