Indian News : जगदलपुर | छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ ने 2058 सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों की लंबित 3 सूत्रीय मांगों को लेकर 4 नवंबर 2024 से अनिश्चितकालीन आंदोलन की घोषणा की है। महासंघ ने यह निर्णय तब लिया जब कई ज्ञापन और धरनों के बावजूद उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

प्रमुख मांगें : महासंघ की प्रमुख मांगों में हर समिति को 3 लाख रुपये प्रबंधकीय अनुदान, सेवा नियमों में संशोधन कर पुनरीक्षित वेतनमान, और धान खरीदी नीति में सुधार शामिल हैं। महासंघ का कहना है कि इन मांगों की अनदेखी से कर्मचारियों का मनोबल गिर रहा है और उनका कार्य प्रभावित हो रहा है।

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आंदोलन का रास्ता : कर्मचारियों ने बताया कि पहले भी कई बार अधिकारियों के समक्ष अपनी समस्याएं रखी गई हैं, लेकिन परिणाम न मिलने पर अब उन्होंने आंदोलन का रास्ता अपनाने का निर्णय लिया है। महासंघ के सदस्यों का कहना है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो इससे राज्य की कई कल्याणकारी योजनाएं प्रभावित होंगी, जिनमें समर्थन मूल्य धान खरीदी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और कृषक पंजीकरण शामिल हैं।

ज्ञापन सौंपा : 22 अक्टूबर को महासंघ ने रैली निकालकर जिला सहकारी बैंक जगदलपुर में सीईओ को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में आंदोलन की जानकारी दी गई और चेतावनी दी गई कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।

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सरकार को चेतावनी : महासंघ ने स्पष्ट किया है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई नहीं की, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन केवल कर्मचारियों के हक के लिए नहीं, बल्कि राज्य के विकास और कल्याणकारी योजनाओं के लिए भी है।

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