Indian News : बिलासपुर | छत्तीसगढ़ के अचानकमार टाइगर रिजर्व (ATR) में बाघों और अन्य वन्य प्राणियों की गणना की जाएगी । इसके लिए पग मार्क, पेड़ों पर खरोंच के निशान, मल और कील देखकर जंगली जानवरों की पहचान की जाएगी । 7 दिनों तक चलने वाली इस तकनीक के बाद ट्रैप कैमरे की भी मदद ली जाएगी । इस बार सही आकलन करने के लिए दो महीने तक ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे ।

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दरअसल, टाइगर रिजर्व में जंगली जानवरों की गणना का प्रावधान जरूरी है । गणना दो तरीके से होती है । एक वह विधि है, जो चार साल में एक बार होती है । वहीं फोर फेस मॉनिटरिंग साल में दो बार होती है । दो बार होने वाली यह गणना गर्मी और ठंड के समय की जाती है । गर्मी के मौसम में एक बार गणना हो चुकी है । अब ठंड में होने वाली है ।

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