Indian News : व्यवहार न्यायालय स्थित एडीजे वन राधाकृष्ण की अदालत में सोमवार को कमरे में बंद कर नाबालिग युवती के साथ दुष्कर्म के आरोपी निर्मल कुमार को स्पेशल पोस्को एक्ट के तहत सुनवाई के दौरान 22 वर्ष की सजा सुनाई गई है। अदालत ने आरोपी पर 50 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर आरोपी को पांच वर्ष की अतिरिक्त सजा होगी। वहीं आईपीसी की धारा 506 के तहत दो वर्ष की सजा व एक हजार रुपए जुर्माना, धारा 341 में एक माह की सजा और पांच सौ रुपए जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना की राशि अदालत ने पीड़िता को देने का निर्देश दिया है।

मामले की जानकारी देते हुए लोक अभियोजक आरबी राय ने बताया कि मामला पतरातू थाना क्षेत्र के वर्ष 2021 का है। अभियुक्त निर्मल यादव अपने पड़ोसी की नाबालिग बेटी को अपने कमरे में आठ घंटे तक अपने कमरे में बंद रखा। इस दौरान अभियुक्त ने युवती के साथ दुष्कर्म भी किया। जब देर शाम युवती अपने घर पहुंची व रोने लगी। पूछने पर उसने अपने पिता को बताया कि निर्मल ने उसे कमरे में बंद कर उसके साथ गलत काम किया है।

इसके बाद पीड़िता के पिता ने भुरकुंडा ओपी में मामला दर्ज कराया था। अदालत में सुनवाई के दौरान दस गवाहों सहित डॉक्टर मीठू हालदार के मेडिकल रिर्पोट व केस के आईओ के बयान के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए स्पेशल पोस्को एक्ट के तहत यह सजा सुनाई है।

तबादले के अंतिम दिन जज ने सुनाया फैसला

एडीजे वन के जज राधाकृष्ण ने तबादले के साथ ही अंतिम दिन अदालत में कार्य के दौरान स्पेशल पोस्को एक्ट के आरोपी को सजा सुनाई है। उनका तबादला पाकुड़ स्थित फैमिली कोर्ट में हो गया है।

You cannot copy content of this page