Indian News : नई दिल्ली | माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft layoff) ने 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया है. यह संख्या उसके कुल कर्मचारियों का पांच फीसदी है. माइक्रोसॉफ्ट सीईओ सत्य नडेला (Satya Nadella) ने कर्मचारियों को लिखी चिट्ठी में कहा है कि लंबी अवधि के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए छंटनी की गई है. बुधवार को माइक्रोसॉफ्ट के कर्मचारियों के निकालने की घोषणा के साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स छंटनी की कहानियों से भर गए. माइक्रोसॉफ्ट द्वारा निकाले गए हर कर्मचारी के पास बताने के लिए एक अलग कहानी है. कंपनी ने ऐसे कर्मचारियों को भी निकाल दिया है, जो बहुत लंबे समय से कंपनी के साथ जुड़े हुए थे |
माइक्रोसॉफ्ट में 21 साल से काम कर रहे भारतीय प्रशांत कमानी का नाम भी माइक्रोसॉफ्ट की छंटनी की लिस्ट में है. नौकरी से निकाले जाने के बाद कमानी द्वारा लिंक्डइन पर लिखी पोस्ट अब सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही है. पोस्ट में माइक्रोसॉफ्ट में बिताए अपने समय का भावुक वर्णन कमानी ने किया है |
सिएटल में रह रहे प्रशांत कमानी ने 1999 में सॉफ्टवेयर डिज़ाइन इंजीनियर के रूप में माइक्रोसॉफ्ट में अपना करियर शुरू किया. कॉलेज के बाद उनकी यह पहली नौकरी थी. लगातार 15 वर्षों तक माइक्रोसॉफ्ट में काम करते हुए वे सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग मैनेजर के पद पर पहुंचे. 2015 में वे माइक्रोसॉफ्ट को छोड़कर अमेजन में चले गए.फिर 2017 में माइक्रोसॉफ्ट में प्रिंसिपल सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट मैनेजर के रूप में वापस आ गए. तब से वे माइक्रोसॉफ्ट में ही थे |
संतोषजनक सफर
प्रशांत ने लिंक्डइन पोस्ट में लिखा, “कॉलेज के बाद Microsoft में मेरी पहली नौकरी थी. पहली बार विदेश आया तो थोड़ा घबराया और उत्साहित था. सोच रहा था कि जीवन में मेरे लिए क्या रखा है. Microsoft में 21 से अधिक वर्षों तक काम करने, कई भूमिकाएं निभाई, कई ऑर्गेनाइजेशन में काम किया … मैं कह सकता हूं कि यह सब बहुत संतोषजनक और लाभप्रद रहा.”कमानी ने लिखा है कि उन्होंने अपने पूरे करियर में जो अनुभव प्राप्त किया है, उसे केवल वर्षों में नहीं मापा जा सकता है. यह अथाह है. कमानी ने लिखा, “मैं माइक्रोसॉफ्ट का आभारी हूं. माइक्रोसॉफ्ट में मुझे बेहद प्रतिभाशाली और स्मार्ट हैं लोगों के साथ काम करने का मौका मिला. मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है. मैं उनका भी आभारी हूं.”
अपनी पोस्ट में प्रशांत ने लिखा कि वे अपने परिवार के ऋणी हैं. उन्होंने लिखा, ” मैं हमेशा परिवार का साथ देने के लिए मौजूद नहीं रहा, परंतु हर वक्त मेरी सहायता को तैयार रहा. मुझे मालूम है कि उनको मेरी नौकरी जाने की खबर, उतना ही दुखी कर रही है, जितनी की मुझे. मेरे हर दुख-सुख में मजबूती से मेरे साथ खड़े रहने के लिए मैं अपने परिवार का आभारी हूं.”
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