Indian News : अमेरिका, रूस, चीन जैसे देश आज अपने सैन्य और परमाणु शक्ति के साथ पूरी दुनिया पर राज कायम करना चाहते हैं। इतना ही नहीं बल्कि पाकिस्तान जैसा पिछड़ा देश भी अपने परमाणु शक्ति होने का दम्भ भरता है और भारत को वक़्त-वक़्त पर गीदड़ भभकी भी देता हैं। लेकिन आज इन सबसे शक्तिशाली देशो के बीच भारत ने भी अपनी जगह बना ली हैं। दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ भारत विश्व महाशक्ति बनने की कगार पर हैं. दरअसल हम बात कर रहे हैं परमाणु संपन्न होने की। आज भारत उन शक्तियों में शुमार होता हैं जिसके पास न्यूक्लियर पावर हैं।

आज बात हम उसी महान शख्सियत की कर रहे हैं जिसने भारत को परमाणु संपन्न बनाने की बुनियाद रखी थी, जिसने पूरी दुनिया को बताया था की भारत निर्बल देश नहीं बल्कि ऊर्जा से लेकर रक्षा की दिशा में आत्मनिर्भर होता एक विकाशशील देश हैं। जो विकसित बनने की राह में तेजी से बढ़ रहा हैं।

हम बात कर रहे हैं महान एटॉमिक साइंटिस्ट होमी जहांगीर भाभा की। भारतीय न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक होमी जहांगीर भाभा की आज पुण्यतिथि हैं। 24 जनवरी 1966 को आज के ही दिन इस महान व्यक्तित्व ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। लेकिन अपनी विदाई से पहले उन्होंने भारत को एक वरदान के रूप में वह सब कुछ दे दिया था जिसकी कल्पना करना भी आज दुसरे देशो के लिए मुश्किल हैं।

आज ही के दिन सन 1966 में होमी जहांगीर भाभा की एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी। इस हादसे में उनके साथ 117 और भी लोग मारे गए थे। मुंबई से न्यूयार्क जा रहा एयर इंडिया का एक विमान क्रैश हो गया था। इस विमान में होमी जहांगीर भाभा भी सवार थे। इस दौर में होमी जहांगीर भाभा की जिस तरह से विश्व समुदाय के बीच लोकप्रियता बढ़ी थी और भारत को महाशक्ति बनाने की दिशा में जो कदम उन्होंने उठाये थे उसे देखते हुए आशंका जताई जाती रही की होमी जहाँगीर भाभा की मौत स्वाभिक नहीं बल्कि एक साजिश के तहत की गई हत्या थी। आशंका जताई जाती रही की भाभा के मौत के पीछे अमरीकी ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए का हाथ था। लेकिन सार्वजनिक पटल पर इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। हालाँकि यह सच था की भाभा की जान को तब काफी खतरा था और दुसरे शक्तिशाली देशो की निगाह में भाभा चुभने लगे थे।

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