Indian News : नई दिल्ली | चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को एक सुनवाई के दौरान वकील के ‘या.. या..’ कहने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह अदालत है, कोई कॉफी शॉप नहीं है। CJI की इस प्रतिक्रिया ने वकील को चुप्पी साधने पर मजबूर कर दिया और इसके बाद वकील ने मराठी में दलीलें देने की कोशिश की |

वकील की दलील पर CJI की प्रतिक्रिया : सुनवाई के दौरान वकील ने पूर्व CJI रंजन गोगोई के खिलाफ इन हाउस जांच की मांग करते हुए कहा कि उनका फैसला ‘वैलिड टर्मिनेशन’ नहीं था। इस पर CJI चंद्रचूड़ ने कड़े शब्दों में कहा कि ‘यह क्या है? या.. या..। मुझे इससे बहुत एलर्जी है। इसकी परमिशन नहीं दी जा सकती।’ CJI ने स्पष्ट किया कि न्यायालय में दलीलें एक निश्चित ढंग से पेश की जानी चाहिए, न कि किसी अनौपचारिक तरीके से।

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मराठी में संवाद : CJI ने वकील को समझाते हुए कहा कि जज को पार्टी नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने मराठी में कहा, “जज आला पार्टी करत नाहीं। तासा कारण आहे,” (आप किसी जज पर आरोप नहीं लगा सकते। इसका एक कानूनी प्रक्रिया है।) CJI की यह कोशिश वकील को सही दिशा में मार्गदर्शन करने की थी, लेकिन वकील ने फिर भी स्थिति को स्पष्ट नहीं किया।

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पूर्व CJI गोगोई का संदर्भ : यह याचिका पूर्व CJI रंजन गोगोई के खिलाफ दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने एक अवैध बयान के आधार पर श्रम कानूनों के तहत सेवा समाप्ति को चुनौती देने वाली याचिका को गलत तरीके से खारिज कर दिया। CJI चंद्रचूड़ ने इस मामले को खारिज करते हुए कहा कि सही हो या गलत, सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला आ चुका है और रिव्यू पिटीशन खारिज कर दी गई है।

जस्टिस गोगोई की पृष्ठभूमि : जस्टिस रंजन गोगोई, जो वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं, सुप्रीम कोर्ट में शीर्ष पद पर पहुँचने वाले पहले पूर्वोत्तर के व्यक्ति हैं। उन्हें अयोध्या भूमि विवाद मामले में ऐतिहासिक निर्णय देने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने 17 नवंबर 2019 को CJI के पद से रिटायर होने के बाद राज्यसभा का सदस्य बनने का कार्य किया।

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