Indian News : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय के शिकंजे में फंसे पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे भूपिंदर सिंह हनी को अदालत से राहत नहीं मिली है। न्यायिक हिरासत खत्म होने पर बुधवार को उसे दोबारा अदालत में पेश किया गया। वकीलों के तर्क भी हुए, लेकिन अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद हनी की न्यायिक हिरासत को फिर से बढ़ा दिया। कोर्ट ने उसका न्यायिक हिरासत फिर से चौदह दिन बढ़ाते हुए उसे बीस अप्रैल तक जेल में भेज दिया है।

बता दें कि 2 अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे भूपिंदर सिंह हनी के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल किया था। उस आरोप पत्र पर भी बुधवार को बहस होनी थी, लेकिन उस पर कोर्ट में अभी कोई चर्चा नहीं हुई है। कोर्ट में पहले यह केस जज दलजीत सिंह चहल की अदालत में था, लेकिन बुधवार को भूपिंदर सिंह की पेशी नए जज रूपिंदर सिंह चहल की अदालत में हुई। हनी के वकील गुरजीत सिंह काहलों ने बताया कि 20 तारीख तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। उन्होंने कहा कि वह चार्जशीट पर बहस के बाद जमानत के लिए अर्जी दायर करेंगे।

चार्जशीट में ईडी ने लिखा है कि कस्टडी के दौरान भूपिंदर सिंह हनी ने खुद माना है कि उसने दस करोड़ रुपये खनन माफिया से जुड़े लोगों से मन माफ़िक अधिकारियों की पोस्टिंग और तबादलों की एवज में लिए थे। यह पैसा हनी और उसके बिजनेस पार्टनर कुदरतदीप सिंह के घरों पर मिला था। हालांकि इस बारे में जब भूपिंदर सिंह हनी के अधिवक्ता से संपर्क किया गया तो उन्होंने कुछ भी बताने से मना कर दिया।




उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद भूपिंदर सिंह हनी का पूछताछ के लिए दो बार कोर्ट से रिमांड लिया था। ईडी ने रिमांड के बाद दावा किया था कि हनी ने अपने-अपने रिश्तेदार मुख्यमंत्री के पद का लाभ उठाते हुए करोड़ों रुपये की संपत्ति भी अर्जित की है। तीसरी बार रिमांड के लिए ईडी ने फिर से तर्क दिया इस केस में और भी कई लोग इसमें शामिल हैं और उनका पता लगाना है। इसलिए रिमांड बढ़ाया जाए। लेकिन कोर्ट ने तीसरी बार रिमांड बढ़ाने से मना कर दिया था।

कोर्ट में ईडी ने कहा था 325 करोड़ का है मामला

कोर्ट में ED की तरफ से कोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता लोकेश नारंग ने कहा था कि खनन माफिया से अपने रिश्तेदार पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नाम का इस्तेमाल कर 10 करोड़ कमाने वाले भूपिंदर सिंह हनी के तार आगे भी बहुत जगह जुड़े हुए हैं। इसमें और भी बहुत सारे लोग जुड़े हुए हैं। ED के अधिवक्ता ने कोर्ट में कहा कि यह मामला सिर्फ 10 करोड़ का ही नहीं है, बल्कि जांच में पता चला है कि यह बहु करोड़ी मामला है। करीब 325 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री का नाम इस्तेमाल करके कमाए गए हैं।

You cannot copy content of this page