Indian News : झांसी | झांसी में लंबे इंतजार के बाद आज यानी सोमवार से हॉप ऑन हॉप ऑफ बस सेवा शुरू हो रही है। महानगर आने वाले पर्यटक 500 रुपए किराया देकर इससे किला, म्यूजियम, बरुआसागर समेत अन्य एतिहासिक स्थलों की सैर कर सकेंगे।
बता दें कि 27 सितंबर को सांसद के हरी झंडी दिखाने के बाद बसों का संचालन शुरू नहीं हो पाया है। जो टेक्निकल दिक्कतें आ रही थी, उनको दूर कर लिया गया है। अब आज से बसों का संचालन हो जाएगा। फिलहाल झांसी में दो बसें चलाई जा रही हैं।
दोनों बसें इलेक्ट्रिक बसें है। एक बार चार्ज करने पर 120 किलोमीटर की दूरी तय कर सकेंगी। पीएमसी की टीम और झांसी स्मार्ट सिटी ने मिलकर बसों का ट्रायल किया। सभी निर्धारित मार्गों पर बसों का परीक्षण कर लिया गया है। सुबह से रात तक करीब 9 घंटे के सफर के दौरान 9 एतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा।
5 साल तक रखरखाव करेगी कंपनी
5 साल तक बसों के संचालन और रख रखाव की जिम्मेदारी विडर नटराज टेलीकॉम कंपनी की होगी। ये बस पूरी तरह से एसी हैं। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जुडे़ कैमरों के जरिए बसों की निगरानी बुधवार से शुरू हो जाएगी।
दतिया तक चलाने का प्रस्ताव
हालांकि अभी बसें दतिया नहीं जाएंगी। चूंकि विश्व विख्यात दतिया की पीतांबरा पीठ पर देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। ऐसे में उनके लिए कोई अच्छी सुविधा नहीं है। हालांकि शुक्रवार और शनिवार को इन बसों को दतिया मंदिर तक चलाने का प्लान बनाया गया है। जिसपर बाद में निर्णय लिया जाएगा | नगर निगम आयुक्त पुलकित गर्ग ने बताया कि हॉप-ऑन हॉप ऑफ बस का रूट फाइनल कर दिया गया है। ये बस शताब्दी के आगमन के बाद सुबह झांसी रेलवे स्टेशन से रवाना होकर सबसे पहले ओरछा जाएगी। वहां से बरुआसागर के जराई का मठ, फिर झांसी किला और म्यूजियम, गंगाधर राव की छतरी, महाकाली मंदिर, लक्ष्मी मंदिर, सेंट ज्यूड चर्च जाएगी। फिर रात को झांसी किला पर चलने वाले लाइट एंड साउंड शो और वापस स्टेशन पहुंचेगी ।
हॉप ऑन, हॉप ऑफ बसें लंदन समेत यूरोपीय देशों में काफी लोकप्रिय है। इसमें पर्यटक एक बार 24 घंटे के लिए टिकट ले लेता है। उसके बाद वह अपनी सुविधा के अनुसार अलग-अलग जगहों की सैर करता है।
हर जगह पर उसे आगे की यात्रा के लिए हॉप ऑन हॉप ऑफ बस मिलती हैं। इलेक्ट्रिक बस होने के कारण इससे पर्यटन क्षेत्र में प्रदूषण की समस्या से निजात मिलेगी।
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