Indian News : जम्मू-कश्मीर | जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत मतदान दलों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) लेकर अपने-अपने मतदान केंद्रों के लिए यात्रा शुरू कर दी है। चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित समयानुसार, यह चरण राज्य की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मतदान प्रक्रिया की तैयारी : मतदान दलों को चुनाव आयोग की ओर से विशेष निर्देश दिए गए हैं ताकि वे सुनिश्चित कर सकें कि मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से चले। ईवीएम और अन्य चुनावी सामग्री को सुरक्षा के साथ मतदान केंद्रों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी इन दलों की है। सभी दलों को उनकी यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की अनहोनी से निपटने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपायों को अपनाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

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चुनाव आयोग की निगरानी : चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि मतदान केंद्रों पर सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही, राज्य के सभी जिलों में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है ताकि मतदान के दौरान किसी भी प्रकार की अशांति न हो। आयोग की टीमों द्वारा नियमित रूप से चुनावी गतिविधियों की निगरानी की जा रही है।

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स्थानीय नागरिकों का उत्साह : स्थानीय नागरिकों में विधानसभा चुनाव के प्रति उत्साह देखने को मिल रहा है। लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए तैयार हैं और मतदान की प्रक्रिया को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। खासकर युवाओं में मतदान को लेकर जागरूकता का स्तर बढ़ा है।

चुनाव के महत्व : जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव केवल एक राजनीतिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह क्षेत्र के विकास और स्थानीय लोगों की आवाज को सुनने का एक अवसर है। तीसरे चरण में मतदान करने वाले मतदाता अपनी आवाज को चुनावी प्रक्रिया में दर्ज कराकर राज्य के भविष्य को प्रभावित कर सकते हैं।

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