Indian News : इंदाैर | मध्य प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित इंदौर के महात्मा गांधी मेडिकल कालेज के गाैरवशाली इतिहास पर इन दिनाें रैगिंग की कालिख छाई हुई है। जूनियराें द्वारा की गई शिकायत के बाद यहां हाेने वाली प्रताड़ना की कलई खुलकर सामने आ रही है। जूनियर छात्राें काे अपने ही साथियाें काे गालियां देने और पीटने तक के लिए बाध्य किया जाता था। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

एमजीएम मेडिकल कालेज के छात्राें ने दिल्ली में एंटी रैगिंग कमेटी काे सीधे शिकायत भेजी थी। इसके बाद से ही संदेह जताया जा रहा था कि स्थानीय स्तर पर जिम्मेदार अधिकारियाें पर उन्हें भराेसा नहीं था। पुलिस के पास शिकायत के साथ आडियाे क्लिप और वाट्सएप के सक्रीन शाट भी पहुंचे हैं। सीनियर छात्र उन्हें अपने फ्लैट पर बुलाकर अमानवीय कृत्य करने के लिए बाध्य करते थे। एक–दूसरे काे चांटे मारने काे कहा जाता था, जाे इतनी जाेर से हाे कि आवाज दूर तक स्पष्ट सुनाई दे।

आठ-दस हो सकती है आरोपित छात्रों की संख्या –




 एमजीएम मेडिकल कालेज रैगिंग मामले में पुलिस ने मेडिकल कालेज के डीन डा.संजय दीक्षित के बयान ले लिए हैं। पुलिस ने उनसे कुछ छात्रों के मोबाइल नंबर मांगे जो करवा दिए गए। पुलिस मेडिकल कालेज में हुई रैगिंग की घटना को कुछ दिन पहले मेडिकल कालेज में छात्रों के आपसी विवाद से जोड़कर भी जांच कर रही है। इस बात की जांच भी हो रही है कि कहीं इन दोनों मामलों का आपस में कोई संबंध तो नहीं है। पुलिस ने कालेज प्रबंधन से प्रश्नोत्तर के रूप में जानकारी चाही है। कालेज प्रबंधन ने ज्यादातर के जवाब पुलिस को दे दिए हैं जबकि कुछ का जवाब एक-दो दिन में पुलिस को सौंपा जाएगा। अब तक हुई जांच में यह बात भी सामने आई है कि आरोपित छात्रों की संख्या आठ-दस से ज्यादा भी हो सकती है।

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