Indian News | दीपावली की तिथि पर विद्वानों ने किया भ्रम का अंत : काशी के पंचांग और ज्योतिष के विद्वान एक मंच पर एकत्रित हुए और दीपावली की तिथि को लेकर चले आ रहे मतभेद को समाप्त किया। उन्होंने घोषणा की कि पूरे देश में 31 अक्टूबर को ही दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। पं. अभिषेक कृष्ण आनंद जी महाराज ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार दीपावली का मुख्यकाल प्रदोष में अमावस्या का होना अनिवार्य है, जो इस वर्ष 31 अक्टूबर को है। इस दिन प्रदोष और निशीथ (अर्धरात्रि) काल में अमावस्या का योग बन रहा है, जो शास्त्र सम्मत दीपावली तिथि को सिद्ध करता है।

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1 नवंबर को दीपावली नहीं मनाना शास्त्रों के अनुसार उचित : पं. अभिषेक कृष्ण आनंद जी महाराज ने आगे कहा कि 1 नवंबर को किसी भी हिस्से में प्रदोष काल में अमावस्या का योग नहीं बनेगा। इसलिए इस दिन दीपावली मनाना शास्त्रों के अनुसार उपयुक्त नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस वर्ष के पारंपरिक पंचांगों में भी कोई मतभेद नहीं है; सभी पंचांग 31 अक्टूबर को ही अमावस्या का दिन मानते हैं। पंचांगों के अनुसार, अमावस्या 31 अक्टूबर की संध्या से आरंभ होकर 1 नवंबर की संध्या से पहले समाप्त हो रही है, जिससे 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाना सर्वमान्य और शास्त्र आधारित हो जाता है।




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धर्मगुरुओं का परामर्श लेने की सलाह : पं. अभिषेक कृष्ण आनंद जी महाराज ने सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे भ्रम से लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि धर्म और त्योहारों से संबंधित किसी भी निर्णय के लिए योग्य धर्मगुरुओं का मार्गदर्शन लेना चाहिए। सही जानकारी के लिए शास्त्रों और परंपराओं का अध्ययन करना आवश्यक है, ताकि समाज में किसी भी प्रकार की भ्रांति न फैले और पर्व को एकता और उल्लास के साथ मनाया जा सके।

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