Indian News : MP । क्राइम ब्रांच भोपाल ने अपात्र हितग्राहियों के आयुष्मान योजना के कार्ड बनाने वाली निजी क्षेत्र की कंपनी के पूर्व कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दावा कि आरोपी ने 100-100 रुपए लेकर 500 अपात्र लोगों के आयुष्मान योजना के कार्ड बनाकर दिए हैं। जिन लोगों के कार्ड बने उन्होंने कितनी राशि का इलाज कराया अभी इसको लेकर पुलिस जांच कर रही है। पूरे मामले में स्टेट हेल्थ एजेंसी के अफसरों की भूमिका भी संदिग्ध है। पुलिस अब यह जांच कर रही कि आरोपी की कंपनी को कार्ड अप्रूवल के लिए लॉगिन आईडी, पासवर्ड किस नियम के तहत दिए गए। आगे की जांच के लिए क्राइम ब्रांच ने एसआईटी गठित की है।

डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि स्टेट हेल्थ एजेंसी की तरफ से क्राइम ब्रांच को लिखित शिकायती आवेदन दिया गया। इसमें बताया गया कि आयुष्मान निरामय योजना के अंतर्गत शासन द्वारा निर्धारित नियम अनुसार पात्र व्यक्तियों के कार्ड तैयार किए जा रहे हैं। कार्डधारक एक परिवार को हर साल सरकारी एवं प्राइवेट अस्पताल में अधिकतम 5 लाख रुपए का मुफ्त इलाज मिलेगा।

काम ज्यादा होने की वजह से कार्ड बनाने के लिए शासन ने VIDAL और FHPL कंपनी को टेंडर दिया है। जिसके लिए SHA की 5-5 लॉगिन आईडी दी थी। जो कार्ड बनाने के लिए जांच के बाद अनुमति देती है। एजेंसी के द्वारा रिजेक्ट किए गए कार्ड के आवेदन स्टेट हेल्थ एजेंसी (SHA) के पास जाता है। जो जांच के बाद आवेदक को मंजूरी देता है। पात्र न होने पर आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाता है।

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