Indian News : भोपाल | मध्यप्रदेश में एक बार फिर राजधानी भोपाल का नाम बदलने की मांग उठी है। इस बार मांग किसी नेता या विभायक ने नहीं की बल्कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा की गई है। भोपाल का नाम बदलने को लेकर जगद्गुरू ने कहा कि जब मुस्लिम शासकों के द्वारा दिए गए नाम बदल रहे है तो भोपाल का नाम भी बदलना चाहिए,,भोपाल का कोई मतलब नहीं है। भोजपाल नाम करने से राजा भोजपाल की कीर्ति का पता चलेगा।

इसके साथ ही जगद्गुरू ने आगे कहा कि भोपाल का पुराना नाम भोजपाल ही था लेकिन पुराने शासकों ने ‘ज’ हटाकर भोपाल कर दिया था। लेकिन अब नाम बदलने को लेकर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने वार्निंग भी दे डाली। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया और भोजपाल नाम नहीं किया गया तो वो दोबारा भोपाल नहीं आएंगे। नाम बदलने के बाद ही वो अब भोपाल में फिर से कथा करेंगे।

इसके पहले भी मध्य प्रदेश के 3 शहरों का नाम बदल दिया है। जैस की होशंगाबाद का नाम नर्मदापुर, तो वही शिवपुरी को कुंडेश्वर धाम के साथ ही प्रख्यात कवि माखनलाल चतुर्वेदी की जन्मस्थली बाबई का नाम भी बदला गया जिसे अब माखन नगर कर दिया गया है। जिसके बाद अब भोपाल और औबेदुल्लागंज का नाम बदलने की भी मांग उठने लगी है। आपको बता दें इसे लेकर विधायक रामेश्वर शर्मा द्वारा औबेदुल्लागंज को राजगंज और मंत्री विश्वास सारंग द्वारा भोपाल का नाम परिवर्तित करने की मांग उठाई जा चुकी है।

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