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Shardiya navratri 2022: मां ब्रह्मचारिण को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी कहा जाता है. इनकी साधना और उपासना से जीवन की हर समस्या, हर संकट दूर हो सकता है. विद्यार्थियों के लिए मां ब्रह्मचारिणी की पूजा बहुत फलदायी मानी जाती है.

Shardiye Navratri 2022:

शारदीय नवरात्रि का आज दूसरा दिन है. नवरात्रि के दूसरे दिन देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है. मां ब्रह्मचारिण को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी कहा जाता है. इनकी साधना और उपासना से जीवन की हर समस्या, हर संकट दूर हो सकता है. विद्यार्थियों के लिए मां ब्रह्मचारिणी की पूजा बहुत फलदायी मानी जाती है. यदि किसी की कुंडली में चंद्रमा के कमजोर होने से दिक्कत आ रही है तो ब्रह्मचारिणी की पूजा से उसे भी दूर किया जा सकता है. आइए जानते हैं कि नवरात्रि में दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना कैसे करें.

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि (Maa Brahmacharini Puja Vidhi)

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा पीले या सफेद वस्त्र धारण करके करनी चाहिए चाहिए. इस दिन देवी को सफेद वस्तुएं अर्पित करने से भाग्य चमक सकता है. ब्रह्मचारिणी को आप मिसरी, शक्कर या पंचामृत का भोग लगा सकते हैं. पूजा के समय ज्ञान और वैराग्य का कोई भी मंत्र जपा जा सकता है. मां ब्रह्मचारिणी के लिए “ॐ ऐं नमः” का जाप करें. जलीय आहार और फलाहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए. ब्रह्मचारिणी की पूजा से होंगे ये लाभ मां का ब्रह्मचारिणी रूप बेहद शांत, सौम्य और मोहक है. मान्यता है कि मां के इस रूप को पूजने से व्यक्ति को तप, त्याग, वैराग्य और सदाचार जैसे गुणों की प्राप्ति होती है. मां के इस स्वरूप को पूजने से साधक होने का फल मिलता है. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है और वो हमेशा सही मार्ग पर चलता है. इनकी पूजा करने से जीवन में चल रही तमाम दिक्कतें दूर हो जाती हैं.

नवरात्रि के दूसरे दिन करें ये उपाय (Maa Brahmacharini Upay)

मां ब्रह्मचारिणी के मंत्रों के साथ चंद्रमा के मंत्रों का जाप करना बहुत उत्तम माना जाता है. इस दिन माता को चांदी की वस्तु भी अर्पित की जाती हैं. इस दिन शिक्षा या ज्ञान के लिए आप मां सरस्वती की भी पूजा कर सकते हैं. भोग लगाने के बाद घर के सभी सदस्यों को दें. ऐसा करने से घर के सभी सदस्यों को लंबी आयु का वरदान मिलता है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाएं.

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