Indian News : अलवर | महिलाओं के लिए ‘खाली प्लॉट’ जैसे शब्दावली के उपयोग पर बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की देशभर में आलोचना हो रही हैं। उनके बयान को ना सिर्फ महिला विरोधी बताया जा रहा हैं बल्कि एक संत के द्वारा दी गई उपमा पर भी गंभीर सवाल खड़े किये जा रहे हैं। पंडित धीरेन्द्र शास्त्री को सबसे ज्यादा सोशल मीडिया पर आलोचना का शिकार होना पड़ रहा हैं। महिलाओं को प्लॉट बताये जाने को लेकर उनपर तीखे तंज कसे जा रहे हैं। उनसे लगातार माफ़ी की मांग की जा रही हैं। इतना ही नहीं बल्कि राजनितिक दलों के बीच भी इस मसले को लेकर तलवारें खींच गई हैं।
बहरहाल इन सबके बीच सीहोर से मशहूर शिवभक्त व प्रवचनकर्ता पंडित प्रदीप मिश्रा ने भी बाबा बागेश्वार के धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी हैं। उन्होंने बयान की आलोचना करते यह सीख भी दी कि आपकी पहचान आपके कर्म और काम से होता है, न कि आपके चेहरे से।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि किसी भी सौभाग्यवती महिला के लिए ऐसे शब्द श्रेष्ठ नहीं है। आप कुछ भी बोलना चाहते हैं तो उसका आंतरिक अनुवाद करें। पहले उसे अपने घर परिवार पर सोच कर देखना चाहिए कि क्या वह बोल रहे हैं।
गौरतलब हैं कि बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हाल ही में नोएडा में आयोजित एक सभा में कहा था कि जिस महिला के मांग में सिंदूर और गले मंगलसूत्र नहीं है समझ लिजिये वह प्लाट खाली है । पंडित शास्त्री के इसी बयान के बाद वह आलोचकों के निशाने पर आ गए थे। बता दे कि पंडित प्रदीप मिश्रा के कथा भागवत का आयोजन फिलहाल राजस्थान के अलवर में आयोजित हो रहा है। वे यहाँ 12 जुलाई से 20 जुलाई तक प्रवचन कथा करेंगे।
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