Indian News : दिल्ली | लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर दिल्ली के वाल्मीकि मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर उन्होंने महर्षि वाल्मीकि के योगदान को याद करते हुए समाज में उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की।

महर्षि वाल्मीकि का महत्व

महर्षि वाल्मीकि को भारतीय साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है, उन्हें रामायण के रचयिता के रूप में जाना जाता है। राहुल गांधी ने कहा कि वाल्मीकि जी ने न केवल धार्मिक साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया, बल्कि उन्होंने समाज में समानता और न्याय की बात भी की। उनका जीवन संदेश आज भी प्रासंगिक है और हमें उनके सिद्धांतों पर चलने की प्रेरणा मिलती है।

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पूजा-अर्चना का महत्व

राहुल गांधी ने मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद कहा कि यह अवसर न केवल धार्मिक महत्व का है, बल्कि यह समाज में एकता और भाईचारे का प्रतीक भी है। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वे महर्षि वाल्मीकि के मार्गदर्शन का अनुसरण करें और समाज में सामंजस्य बनाए रखें।




समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान की आवश्यकता

इस अवसर पर उन्होंने समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान की आवश्यकता पर भी जोर दिया। राहुल गांधी ने कहा कि हमें वाल्मीकि जी के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए सभी वर्गों को समान अवसर प्रदान करने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज में भेदभाव के खिलाफ हमें मिलकर आवाज उठानी चाहिए।

कांग्रेस पार्टी की प्रतिबद्धता

राहुल गांधी ने बताया कि कांग्रेस पार्टी महर्षि वाल्मीकि के विचारों को अपने कार्यों में शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पार्टी समाज में समानता और न्याय के लिए लगातार प्रयास कर रही है, और वाल्मीकि जी के जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है।

निष्कर्ष

महर्षि वाल्मीकि जयंती पर राहुल गांधी की पूजा-अर्चना ने एक बार फिर समाज में समानता और भाईचारे के संदेश को उजागर किया है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे वाल्मीकि जी के सिद्धांतों को अपनाएं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में काम करें। इस प्रकार, यह अवसर न केवल धार्मिक था, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने का भी एक माध्यम बना।

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