Indian News : राजस्थान में जल्द ही बोर्ड परीक्षा शुरू होने वाली हैं और इससे पहले ही एक छात्रा ने अपनी जान दे दी. उसके पास एक सुसाइड नोट भी मिला है. जिसमें लिखा है कि 95 फीसदी अंक नहीं ला सकती, इसलिए ये कदम उठा रही हूं. छात्रा के लेटर को शेयर करते हुए IRS अफसर ने एक ट्वीट किया.

राजस्थान के दौसा जिले में एक 10वीं कक्षा की लड़की ने परीक्षा से पहले ही अपनी जान दे दी है. वो अधिक नंबर के प्रेशर से परेशान थी. राज्य में 16 मार्च से बोर्ड परीक्षा (Rajasthan Board Exams) शुरू होने वाली हैं. छात्रा ने गुरुवार सुबह घर में ही फंदा लगाकर जान दे दी. उसके पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है. जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इस घटना के बारे में सुनकर लोग हैरानी जता रहे हैं. UPSC पास करने वाले IRS अफसर ने अपनी फेल होने की कहानी बताई है. उन्होंने कहा है कि वह भी 10वीं में फेल हो गए थे, लेकिन बाद में कठिन परीक्षाएं पास कीं.

राजस्व विभाग में एडिशनल कमिशनर के पद पर तैनात देव प्रकाश मीणा ने इस खबर को शेयर कर अपने अनुभव के बारे में बताया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा है, ‘कोई इन बच्चों को बताए कि मैं 10वीं में एक बार फेल हो गया था, अगली साल 43% से पास हुआ, 12वीं में 56% और BA ऑनर्स में 48% पढ़ाई शुरू की तो पहले प्रयास में RAS अधीनस्थ सेवा में सिलेक्शन फिर UPSC की सिविल सेवा में कुल 3 बार अंतिम रूप से चयनित हुआ.’ उनके इस ट्वीट पर लोग रिएक्ट कर रहे हैं.

इसमें जान देने से पहले छात्रा ने लिखा, ‘मुझे माफ कर दो पापा, मम्मी. मुझसे नहीं हो पाएगा. मैं नहीं बना पाती शायद 95% से ज्यादा. मैं परेशान हो गई हूं इस 10वीं कक्षा से मुझसे अब और नहीं सहा जाता. मैं आपसे प्यार करती हूं पापा, मम्मी और रिशभ. मुझे माफ कर दो.’ आखिर में उसने अपने साइन किए हैं. साथ ही एक स्माइली वाला इमोजी बनाया है. क्या बोल रहे हैं लोग? एक यूजर ने कहा, ‘अत्यंत दुखद बात है, बच्चों को इस तरह हौसला नहीं हारना चाहिए देव प्रकाश मीणा सर को देखिए. उन्होंने अपनी निष्फलता को कैसे सफलता में बदला, उनको देखकर प्रेरणा लेनी चाहिए. और मैंने 10वीं पास कर ली है. 10वीं में मेरे 53.67% थे, अभी मैं 11वीं में हूं सर. क्या मैं UPSC की तैयारी कर सकता हूं.’ एक अन्य यूजर ने कहा, ‘आज से मेरे बच्चे पर पढ़ाई का दबाव बंद. मैं खामंखा दबाव बना रहा था कि बेटे तुझे नवोदय क्लियर करना है.’ तीसरे यूजर ने कहा, ‘यह बच्चों का दोष बिल्कुल नहीं हैं, सारा दोष शुभ चिंतकों का है. उनमें प्रमुख पेरेंट्स और उनके आसपास के लोग पूरा वातावरण तैयार हो रहा है, बच्चों की शिक्षा का विज्ञापन के रूप में.’

@indiannewsmpcg

Indian News

You cannot copy content of this page