Indian News

पीलीभीत के बीसलपुर होने वाली रामलीला का ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि यहां पर दशहरे पर रावण का वध नहीं होता है. बल्कि दशहरे के एक दिन बाद रावण का वध किया जाता है. ऐसा यहां रावण का पात्र बने गंगा विष्णु उर्फ कल्लू मल, अक्षय कुमार और गणेश कुमार की मंचन के दौरान ही युद्ध के समय मृत्यु हुई थी. तभी से इस रामलीला का महत्व बढ़ गया.

देशभर में रामलीला का मंचन हो रहा है. बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक के रूप में दशहरे के दिन रावण का वध किया जाता है. मगर, पीलीभीत के बीसलपुर की रामलीला में रावण दशहरे के दिन नहीं मरता है. रावण का वध दशहरे के अलगे दिन किया जाता है. इसमें भी खास बात यह है कि अगले दिन यदि शनिवार पड़ेगा, तो रावण का वध एक और दिन के लिए टाल दिया जाएगा.




सा करने के पीछे लंबी कहानी है. बीसलपुर की रामलीला को सच्ची रामलीला के नाम से भी जाना जाता है. दरअसल, यहां रामलीला के कार्यक्रम के दौरान रावण का किरदार निभाने वाले गंगा विष्णु उर्फ कल्लू मल, अक्षय कुमार और गणेश कुमार की मृत्यु राम और रावण के युद्ध के दौरान हुई थी. तभी से यह परंपरा बन गई कि यहां रावण का वध विजय दशमी के दिन नहीं किया जाएगा. इस रामलीला की एक और खास बात यह है कि यहां रामलीला मंच पर नहीं, खुले ग्राउंड पर होती है. इसलिए इसे सच्ची रामलीला भी कहते हैं.

You cannot copy content of this page