Indian News : हाजीपुर। बिहार के हाजीपुर में कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर हर साल दुनिया का सबसे बड़ा भूतों का मेला लगता है। इस भूत मेले में एक रात में हजारों-लाखों लोग बुरी आत्माओं और भूतों को अपने ऊपर से भगाने के लिए पहुंचते हैं। कार्तिक पूर्णिमा की रात से शुरू दिनभर चलने वाले इस विशेष मेले में दूर-दराज के लाखों लोग पहुंचते हैं और रातभर भूत भगाने का अनुष्ठान चलता रहता है, स्थानीय भाषा में इसे भूत खेली कहते है।
पौराणिक मान्यता
इस मेले के बारे बारे में मान्यता है कि यहीं गज और ग्राह का युद्ध हुआ था और गज को बचाने के लिए भगवान विष्णु आये थे, पर रात्रि से ही भूतखेली का तमाशा होने लगता है। इस तमाशे को देखने के लिए भीड़ जुटी रहती है।
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बुरी आत्माओं की शुद्धि का दावा
कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर तांत्रिक बुरी आत्माओं को शुद्ध करते हैं। गंगा गंडक के संगम पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है। इस दौरान पूरी रात भूत प्रेत से जुड़ी अनुष्ठान चलती है। कोनहारा घाट पर मौजूद तांत्रिक का दावा है कि कार्तिक पूर्णिमा में गंगा स्नान कराकर नई भक्त को सिद्ध किया जाता है। तांत्रिक कहते हैं कि अकाल मृत्यु में मरे हुए लोगों की आत्माओं को सिद्ध किया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा पर अनुष्ठान से लोग बिना इलाज कराए ही स्वस्थ हो जाते हैं।
जिला प्रशासन रहते हैं तैनात
कार्तिक पूर्णिमा में गंगा स्नान के लिए छठ व्रती अपने-अपने क्षेत्र में गंगा में डुबकी लगाते हैं। छठ पर्व की समाप्ति तो होती है, लेकिन हाजीपुर में छठ करने वाले लोगों के साथ भारी संख्या में महिला पुरुष तांत्रिक भी आते हैं। ऐतिहासिक कोनहारा घाट पर लाखों लाख की संख्या में पूजा-अर्चना और गंगा में डुबकी लगाई जाती है। जिला प्रशासन भीड़ इकट्ठा होने को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद रहता है। भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती रहती है।
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