31 साल के एक भारतीय रैपर और उनके एक रैप गीत की चर्चा आजकल पूरी दुनिया में है.
हनुमानकाइन्ड नाम से मशहूर केरल में जन्मे सूरज चेरुकुट के ट्रैक ‘बिग डॉग्स’ ने बहुत कम समय में न सिर्फ़ ग्लोबल चार्ट्स में अपनी जगह बनाई बल्कि जाने-माने अमेरिकी रैपर केंड्रिक लैमर के ट्रैक ‘नॉट लाइक अस’ को भी पीछे छोड़ दिया है.
बीबीसी की इस खास रिपोर्ट में सूरज को अचानक मिली इस पॉपुलरिटी के पीछे रहे कारणों की पड़ताल की गई है.
सूरज का जो ट्रैक ‘बिग डॉग्स’ अभी धूम मचाए हुए है उसे ‘मौत के कुएं’ में फ़िल्माया गया है. इस ट्रैक को रिकार्डतोड़ व्यूज मिले हैं.
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मौत का कुआं एक ऐसा परफॉरमेंस है जिसमें एक विशाल लकड़ी के गोलाकार स्ट्रक्चर के भीतर अपनी जान जोखिम में डालकर तेज़ रफ्तार से मोटर साइकिल और कार चलाकर चालक दर्शकों का मनोरंजन करते हैं.
कितने हिट्स और व्यूज़ मिले
निर्माता कलमी रेड्डी और निर्देशक बिजॉय शेट्टी के सहयोग से जुलाई में रिलीज़ हुआ सूरज का यह रैप गीत अब तक स्पॉटिफ़ाई पर 13.2 करोड़ बार सुना जा चुका है. वहीं यूट्यूब पर इसे 8.3 करोड़ व्यूज़ मिल चुके हैं.
सूरज के इस ट्रैक को मिल रहे इस ज़बरदस्त रिस्पॉन्स के कारण हनुमानकाइन्ड पूरी दुनिया में छा गया है.
आम तौर पर सूरज के गीत-संगीत हिप-हॉप टेम्पलेट को फॉलो करते हुए आम जीवन की कठिनाइयों पर केंद्रित होता है. इसके साथ ही उनके गीतों में एक विशेष प्रकार की शैली भी होती है.
सूरज का जन्म भारत के दक्षिण राज्य केरल में हुआ. लेकिन उनका बचपन दुनिया के कई अन्य देशों मे बीता. उनके पिता एक तेल कंपनी में काम करते हैं, इस कारण सूरज फ्रांस, नईजेरिया मिस्र और दुबई में रह चुके हैं.
अपने जीवन का शुरुआती समय ह्यूस्टन और टेक्सास में बिताने के कारण सूरज बचपन से ही ह्यूस्टन की हिप-हॉप संस्कृति से प्रभावित रहे. यहीं से संगीत में उनके कैरियर की नींव भी पड़ी.
अमेरिका के जाने-माने ईस्ट और वेस्ट कोस्ट रैप के बीच प्रतिद्वंद्विता के विपरीत ह्यूस्टन का विशिष्ट हिप-हॉप संस्कृति अपने आप में एक अलग पहचान रखता है.
ह्यूस्टन की हिप-हॉप संस्कृति में कफ़ सिरप (खांसी की दवा) का अपना अलग महत्व है. इसी से “स्क्रू-अप” रीमिक्स बनाया गया है जिसमें कफ़ सिरप के असर से धीरे-धीरे नींद आने की स्थिति को महसूस कराने के लिए रीमिक्स में धुनों के एकदम से धीमा हो जाने वाला इफेक्ट दिया जाता है.
सूरज अपनी बातचीत में अक्सर बताते हैं कि वो डीजे स्क्रू, यूजीके, बिग बनी और प्रोजेक्ट पैट जैसे टेक्सास हिप-हॉप के महारथियों को सुनकर ही बड़े हुए हैं इसलिए उनका संगीत भी इन्हीं लोगों को समर्पित है.
सूरज के रैप में इनका प्रभाव भी साफ़-साफ़ दिखता है लेकिन 2021 में भारत लौटने के बाद उनकी शैली और विकसित हुई.
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