Indian News : नई दिल्ली | नई दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने वैक्सीपुर औद्योगिक क्षेत्र का दौरा करते हुए प्रदूषण हॉटस्पॉट की पहचान के लिए ड्रोन मैपिंग का कार्य शुरू किया। यह कदम शीतकालीन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।
शीतकालीन कार्य योजना का महत्व
गोपाल राय ने कहा, “हमने शीतकालीन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक कार्य योजना की घोषणा की थी। इसमें वाहन प्रदूषण, बायोमास जलने और अन्य प्रदूषण स्रोतों को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न उपाय शामिल हैं। आम आदमी पार्टी सरकार दिन-रात इस समस्या पर काम कर रही है।
हॉटस्पॉट की निगरानी
राय ने बताया कि दिल्ली के 13 हॉटस्पॉट में प्रदूषण का स्तर सामान्य AQI स्तर से अधिक है। उन्होंने कहा, “वज़ीरपुर हमारे हॉट स्पॉट में से एक है। आज यहां पैनल एजेंसी द्वारा ड्रोन का संचालन किया गया है।” ड्रोन का उपयोग प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने के लिए किया जाएगा, ताकि केंद्रित कार्य योजना बनाई जा सके।
ड्रोन तकनीक का उपयोग
ड्रोन 200 मीटर के दायरे में वज़ीरपुर के हॉट स्पॉट और विभिन्न क्षेत्रों में प्रदूषण के स्रोतों की तस्वीरें लेगा। इन तस्वीरों के माध्यम से प्रदूषण का विश्लेषण किया जाएगा, और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) एवं पर्यावरण विभाग को एक रिपोर्ट सौंपा जाएगा। यह तकनीक प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए आधुनिक समाधान प्रदान करेगी।
आगे की रणनीति
गोपाल राय ने कहा कि इस प्रक्रिया के जरिए मिली जानकारी के आधार पर एक ठोस योजना बनाई जाएगी। उनका मानना है कि आधुनिक तकनीक का उपयोग प्रदूषण के स्तर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने सभी नागरिकों से इस अभियान में सहयोग देने की अपील की।
निष्कर्ष
दिल्ली सरकार की यह पहल प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। ड्रोन तकनीक का उपयोग न केवल प्रदूषण स्रोतों की पहचान में सहायक होगा, बल्कि इससे प्रभावी नीतियों का निर्माण भी संभव होगा। यह कदम दिल्ली में स्वच्छ हवा के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हो सकता है।
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