Indian News : मुंबई | शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी पर निशाना साधते हुए दावा किया है कि वे असली शिवसेना के हकदार हैं और यह ‘नॉन-बायोलॉजिकल’ शिवसेना केवल भाजपा के समर्थन से अस्तित्व में आई है।

दिल्ली में हो रही है असली शिवसेना की सियासत

शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं ने कहा कि उनकी पार्टी कभी भी सीट शेयरिंग के लिए दिल्ली नहीं गई। वे इस बात पर जोर देते हैं कि भाजपा के नेता हमेशा मुंबई में शिवसेना के नेताओं के साथ बैठकें करते थे। उनका कहना है कि असली शिवसेना बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों और विचारों के प्रति वफादार है, जबकि शिंदे गुट केवल राजनीतिक लाभ के लिए दिल्ली में बैठकें कर रहा है।




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‘नॉन-बायोलॉजिकल’ शिवसेना का आरोप

नेताओं ने कहा, “जो लोग आज सत्ता में हैं, वे असली शिवसेना का प्रतिनिधित्व नहीं करते। यह केवल एक ‘नॉन-बायोलॉजिकल’ शिवसेना है, जिसे अमित शाह ने जन्म दिया है।” यह बयान शिवसेना के भीतर चल रही आंतरिक राजनीति का प्रतीक है, जिसमें दोनों गुट एक-दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं।

बालासाहेब ठाकरे की विरासत पर जोर

नेताओं ने बालासाहेब ठाकरे की विरासत को याद करते हुए कहा कि वे उस सिद्धांतों और मूल्यों की रक्षा करेंगे, जिनके लिए ठाकरे ने अपने जीवन में संघर्ष किया। उन्होंने शिंदे गुट को चेतावनी दी कि वे असली शिवसेना के नाम का दुरुपयोग न करें और पार्टी के मूल सिद्धांतों का सम्मान करें।

भविष्य की राजनीतिक रणनीति

इस विवाद के बीच, शिवसेना (यूबीटी) ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया है। पार्टी ने अपने समर्थकों से एकजुट रहने और आगामी चुनावों में भाजपा के खिलाफ मजबूत स्थिति अपनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि वे हमेशा अपने मूल सिद्धांतों और पार्टी की पहचान की रक्षा करेंगे।

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