Indian News : नई दिल्ली | नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि ‘धरती आबा’ का जीवन आदिवासी संस्कृति की रक्षा और मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक है। 25 वर्ष की अल्पायु में भगवान बिरसा मुंडा ने अपने साहसिक कार्यों से ऐसा इतिहास रच दिया, जिसे 150 वर्षों बाद भी देश नमन करता है।
भगवान बिरसा मुंडा का जीवन दो महत्वपूर्ण आयाम
अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के जीवन को दो हिस्सों में देखा जा सकता है। पहला, आदिवासी संस्कृति की रक्षा और उसके प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता। दूसरा, मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति का नेतृत्व। उनकी वीरता और बलिदान ने भारतीय इतिहास में एक नई दिशा दी।
अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति की मशाल
भगवान बिरसा मुंडा ने आदिवासी समाज को संगठित कर अंग्रेजों के शोषण के खिलाफ आवाज उठाई। उनके नेतृत्व में हुआ ‘उलगुलान आंदोलन’ भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। अमित शाह ने कहा कि बिरसा मुंडा ने दुनिया का ध्यान आदिवासियों की दुर्दशा की ओर खींचा और उन्हें उनके अधिकारों के लिए लड़ने की प्रेरणा दी।
150 साल बाद भी देश करता है नमन
अमित शाह ने भगवान बिरसा मुंडा की स्थायी विरासत की सराहना करते हुए कहा कि उनकी शिक्षा और बलिदान आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि उनके कार्य न केवल आदिवासी समाज बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। भगवान बिरसा मुंडा की कहानी हर भारतीय को गर्व से भर देती है।
भगवान बिरसा मुंडा को सम्मान देने का प्रयास
केंद्र सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने की पहल की है। अमित शाह ने इसे जनजातीय समाज को उनके अधिकारों और इतिहास में उनके योगदान को उचित सम्मान देने का प्रयास बताया।
अमित शाह का संदेश
गृह मंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने दिखाया कि अदम्य साहस और संकल्प से किस तरह से एक बड़े बदलाव की शुरुआत की जा सकती है। उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि बिरसा मुंडा की शिक्षाओं को आत्मसात करें और उनके आदर्शों पर चलकर भारत को और सशक्त बनाएं।
Read More >>>> *अब इन भगवान के ‘नाम’ से जाना जाएगा ISBT चौक…| New Delhi*
@indiannewsmpcg
Indian News
7415984153