Indian News : देश के पर्यटन मानचित्र पर काशी तेजी से उभर रही है। हवाई और सड़क परिवहन के बाद पर्यटक अब जलमार्ग के रास्ते भी काशी आना चाहते हैं, ताकि वह भारत का प्राकृतिक सौंदर्य देख सकें। इसी क्रम में गंगा विलास क्रूज 32 स्विस टूरिस्ट को लेकर नए साल में वाराणसी पहुंचेगा।

गंगा विलास क्रूज कोलकाता से कल रवाना हुआ है। ये 6 जनवरी 2023 को वाराणसी पहुंचेगा। यहां से 13 जनवरी को ये डिब्रूगढ़ जाएगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक की सबसे लंबी रिवर यात्रा के टाइम टेबल का विमोचन वाराणसी में बीती 11 नवंबर को किया था। गंगा विलास क्रूज अत्याधुनिक सुविधाओं वाला है। क्रूज के डायरेक्टर राज सिंह के अनुसार इसमें सुरक्षा के अत्याधुनिक संसाधन लगाए गए हैं। यह क्रूज देश में ही बना हुआ है।

पर्यटक चुनार भी जाएंगे


काशी की धरती विकास के रोज नए आयाम लिख रही है। गंगा विलास क्रूज के डायरेक्टर राज सिंह के अनुसार, 32 स्विस मेहमान वाराणसी में धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों का भ्रमण करेंगे और यहां की संस्कृति को भी जानेंगे। यहां के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद चखेंगे। इसके साथ ही मिर्जापुर जिले में चुनार का की सैर पर भी जाएंगे। गंगा विलास क्रूज के माध्यम से यात्रा से विदेशी सैलानी भारतीय संस्कृति और विरासत को बेहद करीब से देख सकेंगे।

गंगा विलास क्रूज भारत में निर्मित पहला रिवर शिप है, जो काशी से बोगीबील (डिब्रूगढ़) तक सबसे लंबी जलयान यात्रा कराएगा। यह यात्रा 3200 किलोमीटर की है। 50 दिन का यह सफर भारत और बांग्लादेश के 27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा। यह यात्रा विरासत से जुड़े 50 से अधिक जगहों पर रुकेगी। विदेशी सैलानियों की 50 दिन की यात्रा उन्हें उबाऊ न लगे, इसके लिए क्रूज में लाइब्रेरी, गीत-संगीत और योग सहित अन्य व्यवस्थाएं की गई हैं। यह जलयान राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों से भी गुजरेगा, जिसमें सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क शामिल हैं। यात्रा उबाऊ न हो, इसलिए क्रूज पर गीत-संगीत, लाइब्रेरी, जिम और सांस्कृतिक कार्यक्रम की भी व्यवस्था की गई है। क्रूज आधुनिक सुविधाओं से युक्त और पूरी तरह सुरक्षित है। क्रूज के कमरों में ऐसी व्यवस्था की गई है कि सैलानियों को राजसी ठाटबाट का एहसास हो।

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के मुख्य अभियंता रविकांत ने बताया कि यह यात्रा एक ही रिवर शिप द्वारा की जाने वाली दुनिया की सबसे लंबी यात्रा है। इस परियोजना ने भारत और बांग्लादेश को दुनिया के रिवर क्रूज नक्शे पर ला दिया है। गंगा विलास क्रूज की लंबाई 62.5 मीटर और चौड़ाई 12.8 मीटर है। भारतीय उपमहाद्वीप में पर्यटन का नया क्षितिज खुला है। इससे भारत की अन्य नदियों में भी रिवर क्रूजिंग के बारे में जागरूकता बढ़ेगी। गंगा विलास क्रूज की लंबाई 62.5 मीटर, चौड़ाई 12.8 मीटर और ड्राफ्ट 1.35 मीटर है। इसमें 18 सुइट्स हैं।

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