Indian News : नई दिल्ली | पूरी दुनिया में इस समय मेटावर्स (Metaverse) को लेकर बात चल रही है. हाल में मेटावर्स में वर्चुअल प्लॉट खरीदने का चलन बढ़ा है. कई बड़ी कंपनियां मेटावर्स रियल एस्टेट सेक्टर में प्रवेश कर चुकी हैं. दूसरी ओर, भारत में मेटावर्स के जरिए शादी हो रही हैं। ऐसे में लोग यह जानना चाहते होंगे कि आखिर मेटावर्स क्या है. मेटावर्स एक तरह की वर्चुअल दुनिया है. यह एक ऐसी वर्चुअल लेकिन वास्तविक दिखने वाली दुनिया है जिसमें वर्चुअल रियलिटी (VR), ऑगमेंटेड रियलिटी (AR), वर्चुअल रियलिटी (VR) और ब्लॉकचेन के साथ-साथ सोशल मीडिया के विभिन्न कॉन्सेप्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है. मेटावर्स से एक नई इकोनॉमी का रास्ता खुलेगा जिसमें संपत्ति का सृजन होगा, उसकी ट्रेडिंग होगी और डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल होगा.

5G के बिना नहीं हो पाएगा पॉसिबल

इंटीग्रेशन विजार्ड्स सॉल्यूशन के सीईओ कुणाल किसलय के मुताबिक लोगों को लग रहा है कि मेटावर्स में अभी काफी समय है लेकिन ऐसा नहीं है. यह आपके अनुमान से काफी करीब है. 5G नेटवर्क मेटावर्स को जल्द ही हकीकत बना देंगे. इसकी वजह है कि कॉम्प्लेक्स और 5th Generation की टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के लिए बहुत तेज इंटरनेट की जरूरत होगी. इस तरह देखा जाए तो 5G और मेटावर्स के तार एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. मेटावर्स किसी एक व्यक्ति से जुड़ा हुआ नहीं है बल्कि यह एक डिजिटल रियलिटी है, जिसमें बहुत अधिक मात्रा में इंफॉर्मेशन की जरूरत होगी. ऐसे में आज के समय में मेटावर्स में इंटर करने के लिए बहुत तेज स्पीड वाईफाई या वायर वाले इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होगी. दूसरी ओर, 4G में आपको जरूरी बैंडविथ का सपोर्ट नहीं मिलता है और इस वजह से आप मेटावर्स को एन्जॉय नहीं कर पाएंगे. ऐसे में मेटावर्स में इंटर करने से पहले लोकल डिवाइस में बड़े पैमाने पर इंफॉर्मेशन डाउनलोड करने की जरूरत होगी और इसके लिए आपको सुपरफास्ट इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होगी. मेटावर्स से सीधे कनेक्ट करने के लिए आपको कम-से-कम 100 Mbps के इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होगी जो केवल 5G आने के बाद ही मुमकिन है. यही वजह है कि कंपनियां और सरकारें 5G पर इतना अधिक जोर दे रही हैं.




5G में अभी कितना समय है

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह पांचवीं पीढ़ी की सेल्यूलर नेटवर्क टेक्नोलॉजी है. नए जेनरेशन का नेटवर्क संभवतः सबसे फास्ट होगा और यहां तक कि यह कई कनेक्टेड डिवाइसेज को हैंडल कर पाएगा. इसे खासकर स्पीड, लेटेंसी और यूटिलिटी तीनों तरह की चीजों के समाधान के लिए डिजाइन किया गया है जबकि इससे पहले के जेनरेशन और वर्तमान जेनरेशन के मोबाइल नेटवर्क एड्रेस नहीं कर पाते थे.

5वें जेनरेशन के नेटवर्क मुख्य रूप से तीन बैंड में काम करते हैं- लो, माइल्ड और हाई फ्रिक्वेंसी स्पेक्ट्रम. इन सभी बैंड्स के इस्तेमाल की अपनी सीमाएं है.

हाल में डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने बताया है कि भारत में गुरुग्राम, बेंगलुरु, कोलकाता, मुंबई, चंडीगढ़, दिल्ली, जामनगर, अहमदाबाद, चेन्नई, हैदराबाद, लखनऊ, पुणे और गांधीनगर जैसे शहरों में 2022 में सबसे पहले 5G सर्विसेज की शुरुआत होगी. देश की प्राइवेट टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां इन शहरों में इरिक्शन और नोकिया जैसी टेलीकॉम एक्विपमेंट मेकिंग कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं.

इसी बीच रिलायंस जियो ने देशभर में 5G कवरेज प्लानिंग पूरी होने की घोषणा की है. कंपनी ने बताया है कि वह देश के 1,000 प्रमुख शहरों में 5G सर्विसेज लॉन्च करेगी. कंपनी ने बताया है कि शुरुआती चरण में कंपनी 13 प्रमुख शहरों में अपनी 5G सर्विस शुरू करेगी. इस तरह कहा जा सकता है कि इस साल देश में 5G नेटवर्क की शुरुआत हो जाएगी.

मेटावर्स वाली दुनिया कैसी होगी

अमेरिकी लेखक नील स्टीफेंसन ने 1992 में अपने एक उपन्यास में सबसे पहले ‘मेटावर्स’ टर्म का इस्तेमाल किया था. इस वर्चुअल दुनिया में Avatars एक दूसरे से बात करते हैं. यह चीज अब नॉवेल से निकलकर बहुत आगे बढ़ चुकी है. आज के समय में मेटावर्स बनाने में अरबों रुपये खर्च हो रहे हैं और टेक जगत के दिग्गज इसे फ्यूचर कह रहे हैं. फेसबुक का नाम बदलकर मेटा (META) करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि उनकी कंपनी मेटावर्स को हकीकत का रूप देने के लिए काम करेगी. उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी लोगों को एक-दूसरे से कनेक्ट करने, कम्युनिटी ढूंढने और बिजनेस को आगे बढ़ाने में मदद करेगी. आप वीआर हेडसेट या प्लेस्टेशन जैसे कंसोल के जरिए इस वर्चुअल वर्ल्ड को एक्सेस कर पाएंगे.

आम लोगों के जीवन पर किस तरह का असर होगा

आप इस चीज को पसंद करें या फिर इससे नफरत करें, लेकिन यह सच है कि लोगों के बीच शारीरिक फासला अब लगातार बढ़ रहा है. इंटरनेट और स्मार्ट डिवाइस की मदद से लोग अब लगभग ऐसे अधिकतर काम घर बैठे पूरा कर ले रहे हैं जिसके लिए उन्हें बाहर जाना पड़ता था. कोविड-19 की वजह से रिमोट वर्क, फूड डिलिवरी ऐप, सोशल मीडिया, ऑनलाइन डेटिंग, वीडियो कॉल और ई-कॉमर्स का चलन बढ़ा है. लोग अब ओटीटी से घर बैठे फिल्म और वेब सीरीज देख रहे हैं.

मेटावर्स वाली दुनिया में आप वीडियो देखने के बजाय खुद वीडियो का हिस्सा होंगे. आप बेहतर एंगल और नजरिए के लिए उसमें वॉक कर पाएंगे और अपने हाथ के इस्तेमाल से इंटरैक्ट कर पाएंगे. इसके साथ ही आप अपने आवाज के इस्तेमाल से कमांड दे पाएंगे और लोगों से बात कर पाएंगे. आप मेटावर्स के जरिए किसी दूसरे शहर में हो रहे आर्ट एक्जीविशन या मीटिंग में हिस्सा ले पाएंगे. इसका एक्सपीरियंस ऑनलाइन मीटिंग से काफी बेहतर होगा और आपको ऐसा लगेगा कि आप खुद वहां मौजूद हैं.

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