Indian News : राजनांदगांव | छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी राजनांदगांव में बरसों से निवासरत परिवार के सभी सदस्यों ने एक साथ स्वेच्छा से संसारिक मोह माया और भौतिकवादिता का त्याग कर दिया है। परिवार के मुखिया से लेकर प्रत्येक सदस्य ने सन्यास का रास्ते पर चलने का फैसला किया है। इस परिवार के सभी सदस्यों ने जैन मुनियों का सानिध्य स्वीकार करते हुए वैराग्य धारण कर लिया है। इस परिवार ने दुनियादारी से संन्यास लेकर पूरे विधि-विधान से साधु और साध्वी की दीक्षा ले ली है। परिवार ने दीक्षा लेने से पहले अपनी करीब 30 करोड़ रुपये की संपत्ति दान कर दी है।
राजनांदगांंव निवासी डाकलिया परिवार में कुल 6 सदस्य हैं, जिन्होंने भौतिकवादिता को तिलांजलि दे दी है, जबकि परिवार की कुल चल—अचल संपत्ति करोड़ों की है, जिसे उन्होंने दान कर दिया है। शहर के प्रतिष्ठित व्यावसायी के तौर पर स्थापित डाकलिया परिवार के मुखिया भूपेन्द्र डाकलिया सहित इनकी पत्नी सपना, बेटा देवेंद्र और हर्षित के अलावा दोनों बेटियों महिमा और मुक्ता ने सन्यास धारण किया है। इनकी एक बेटी 5 फरवरी को राजिम में दीक्षा ग्रहण करेंगी। इन सभी ने पीयूष सागर महाराज की उपस्थिति में दीक्षा ग्रहण की। इस मौके पर जैन धर्म से कई बड़े लोग उपस्थित रहे।
आध्यात्म ही जीवन का सार
करोड़ों की संपत्ति, शहर में प्रतिष्ठित नाम और व्यावसायिक दुनिया में स्थापित परिवार के मुखिया भूपेन्द्र डाकलिया का कहना है कि जीवन नश्वर है। इस दुनिया में जन्मे हर इंसान को आखिरकार इस शरीर का त्याग करना है। धरती पर नर तन ईश्वर की भक्ति, अराधना और उनके श्रीचरणों में स्थान पाने के लिए मिला है। यह केवल आध्यात्म के मार्ग पर चलकर ही प्राप्त हो सकता है, यही जीवन का सार है।