Indian News : बलरामपुर | जिले में एकीकृत महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान धरातल पर दम तोड़ दे नजर आरहा है, यहाँ आनगबाड़ी केंद्रों का नियमित रूप से संचालन नही होने से नौनिहालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है , वही अब मामला सामने आने के बाद अधिकारी जांच के बाद कार्यवाही की बात कह रहे है ।
दरअसल प्रदेश में कुपोषण दर में कमी लाने के उद्देश्य से सरकार सुपोषण अभियान चला रही है लेकिन बलरामपुर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही से अब शाशन की सुपोषण अभियान में पलीता लगता दिखाई दे रहा है जी हां हम बात कर रहे है बलरामपुर विकाशखण्ड के सीतारामपुर पाठ ग्राम पंचायत की जहां पर संचालित कई आंगनबाड़ी केंद्र नियमित रूप से नही खुल रहे है और केंद्रों में पदस्थ आनगबाड़ी कार्यकर्ता भी कभी कभार ही आनगबाड़ी केन्द्र पहुँच रही है ,जिसके कारण केंद्र अब आंगनबाड़ी सहायिका के भरोसे चल रहा है जिससे केंद्रों का संचालन नियमित रूप से नही हो पा रहा है जिससे केन्द्रों में पढ़ने वाले नौनिहालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है |
आपको बता दे कि आनगबाड़ी केंद्रों में शाशन ने नौनिहालों के बौद्धिक विकास के साथ साथ शारीरिक विकास के उद्देश्य से केंद्रों में आने वाले बच्चों के लिए नास्ता और पौष्टिक आहार के लिए गरम भोजन देने की ब्यवस्था की है ,जिसके माध्यम से कुपोषण दर में कमी लाई जा सके ,लेकिन सीतारामपुर पाठ गांव में आनगबाड़ी केंद्रों में अक्सर ताले बंद रहते है जिससे नौनिहालों को रोजाना पौष्टिक आहार नही मिल पा रहा है |
आनगबाड़ी केंद्रों के सुपरविजन की जिम्मेदारी महिला एवम बाल विकास विभाग में पदस्थ सुपरवाइजर की होती है जिनकी रिपोर्ट के आधार पर प्रत्येक आनगबाड़ी केंद्रों का डाटा तैयार किया जाता है ,लेकिन सुपरवाइजर भी अपने काम मे हिला हवाली कर रहे है जिसके कारण सरकार की मंशा पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है हालांकि अब मामला उजागर होने के बाद विभाग के अधिकारी भी मान रहे है कि आनगबाड़ी की कार्यकर्ता और सुपरवाइजर अपने काम मे लापरवाही बरत रही है ,जिनकी जांच के बाद कार्यवाही की बात कही जा रही है ।
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