Indian News : दिल्ली | किसान आंदोलन 2.0 के तहत 13 दिसंबर को आंदोलन के 10 महीने पूरे हो जाएंगे। इस अवसर को विशेष बनाने के लिए विभिन्न किसान संगठन कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। इसके अगले दिन, 14 दिसंबर को, 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच के लिए रवाना होगा। किसान आंदोलन के दूसरे चरण में अपनी एकजुटता और मांगों के प्रति प्रतिबद्धता जताते हुए वे सरकार पर दबाव बनाने और अपनी समस्याओं को उजागर करने का प्रयास करेंगे। किसानों ने आंदोलन को और मजबूत बनाने के लिए व्यापक रणनीति तैयार की है।

किसान आंदोलन 2.0 का महत्वपूर्ण मोड़ : किसान आंदोलन 2.0 के तहत 13 दिसंबर को इस आंदोलन के 10 महीने पूरे हो जाएंगे। इस दिन किसान संगठन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बड़े कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। ये कार्यक्रम किसानों के संघर्ष और उनके अधिकारों के प्रति उनकी दृढ़ता को दर्शाते हैं। किसान आंदोलन का यह दूसरा चरण पहले से कहीं ज्यादा प्रभावशाली और संगठित होता जा रहा है, जिससे सरकार को किसान समस्याओं को गंभीरता से लेने का संदेश मिलेगा।

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14 दिसंबर को दिल्ली कूच : किसान संगठन 14 दिसंबर को दिल्ली कूच के लिए 101 किसानों का जत्था भेजेंगे। दिल्ली कूच के जरिए किसान अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास करेंगे। आंदोलन में शिरकत करने वाले किसान राजधानी दिल्ली तक अपनी आवाज़ पहुंचाना चाहते हैं, ताकि सरकार उन पर ध्यान दे और उनकी समस्याओं का समाधान निकाला जा सके।

किसान संगठन की एकजुटता और रणनीति : किसान नेताओं ने आंदोलन के दूसरे चरण में और अधिक एकजुटता दिखाने का संकल्प लिया है। इस बार किसान संगठन न केवल आंदोलन को बड़े स्तर पर आयोजित कर रहे हैं, बल्कि उन्होंने एक व्यापक रणनीति भी तैयार की है। इसका उद्देश्य आंदोलन को पूरी तरह से व्यवस्थित करना और उसे सशक्त बनाना है। किसान संगठन इस बार पहले से अधिक संगठित और रणनीतिक तरीके से सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करेंगे।

सरकार पर दबाव बनाने का उद्देश्य : किसान आंदोलन 2.0 का मुख्य उद्देश्य अपनी लंबित मांगों को सरकार के समक्ष मजबूती से रखना है। आंदोलन के माध्यम से किसान अपने अधिकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताने के साथ-साथ सरकार से कृषि कानूनों की वापसी, फसल के उचित मूल्य की गारंटी और किसानों की अन्य समस्याओं पर शीघ्र कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं। किसान संगठन का कहना है कि यदि सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज करती है, तो आंदोलन और तेज़ हो सकता है।

किसानों की भविष्य की योजनाएं : किसान संगठन दिल्ली कूच के बाद भी अपनी योजनाओं को और तेज़ करने का विचार कर रहे हैं। यदि सरकार उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करती, तो किसान आंदोलन के अगले चरण में और भी बड़े कदम उठा सकते हैं। किसान संगठनों ने यह भी स्पष्ट किया है कि उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक उनके सभी अधिकार सुरक्षित नहीं हो जाते।

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