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दो दिवसीय सत्र की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई वैसे ही नेता प्रतिपक्ष सुखराम राठवा ने आंदोलन कर रहे सरकारी कर्मचारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और पूर्व सैनिकों के मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की।

गुजरात के निर्दलीय विधायर जिग्नेश मेवाणी के साथ-साथ कांग्रेस के कुल 14 विधायकों को गुजरात विधानसभा से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया है। जिग्नेश के साथ-साथ 14 विधायकों को अनियंत्रित व्यवहार करने पर विधानसभा से निलंबित किया गया है।




क्या है पूरा मामला
गुजरात विधानसभा के दो दिवसीय सत्र की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई वैसे ही नेता प्रतिपक्ष सुखराम राठवा ने आंदोलन कर रहे सरकारी कर्मचारियों, किसानों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और पूर्व सैनिकों के मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की। स्पीकर निमाबेन आचार्य ने उनकी मांग को ठुकर दिया। इससे नाराज होकर सुखराम राठवा के साथ-साथ जिग्नेश मेवाणी और अन्य कांग्रेस विधायक सदन के वेल के पास पहुंच कर हंगामा करने लगे। वो सदन के वेल के पास पहुंच कर नारेबाजी करने लगे।

क्या लगा रहे थे नारा
सदन के वेल के पास पहुंच कर जिग्नेश मेवाणी और सुखराम राठवा के साथ अन्य नेताओं ने नारेबाजी में ‘कर्मचारियों को न्याय दो’, ‘वन कर्मचारियों को न्याय दो’ और ‘पूर्व सैनिकों को न्याय दो’ के नारे लगाए।

जिग्नेश मेवाणी संग 14 कांग्रेस के विधायर निलंबित
जब विपक्षी विधायकों ने अध्यक्ष के निर्देशानुसार अपनी सीटों पर वापस जाने से इनकार कर दिया, तो विधायी और संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने नारेबाजी कर रहे विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा। निमाबेन आचार्य ने मेवाणी और 14 अन्य कांग्रेस विधायकों एक दिन के लिए निलंबित कर दिया।

मार्शलों ने किया विधायकों को सदन से बाहर
नारेबाजी कर रहे विधायर निलंबित होने के बाद भी सदन नहीं छोड़ रहे थे। अध्यक्ष ने तब विधानसभा के मार्शलों से कहा कि इन्हें बाहर किया जाए। विधानसभा के मार्शलों ने नारेबाजी कर रहे विधायकों का हाथ पकड़ कर उन्हें सदन से बाहर निकाला। कुछ विधायकों को उठा कर के भी मार्शलों ने सदन से बाहर किया। इसे देखते हुए कांग्रेस के कम से कम 30 अन्य विधायकों ने सदन की बैठक से वॉकआउट किया।

इन लोगों को किया गया निलंबित
गुजरात में विधान सभा के चुनाव होने वाले हैं। सदन का यह दो दिवसीय सत्र इस बार का आखिरी सत्र माना जा रहा है। इमरान खेड़ावाला, जिनीबेन ठाकोर, अमरीश डेर, पुना गामित, बाबू वाजा, नौशाद सोलंकी और प्रताप दुधात, आदि विधायकों को निलंबित किया गया है। निलंबित होने के बाद भी कुछ विधायक सदन में वापस आना चाहे लेकिन स्पीकर निमाबेन आचार्य ने उन्हें बाहर जाने का निर्देश दिया। इसके बाद विधायक सदन से बाहर चले गए।

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