Indian News : दुर्ग | जल जीवन मिशन के तहत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं जिला जल एवं स्वच्छता मिशन दुर्ग द्वारा आज क्रियान्वयन सहायक एजेंसी (आई. एस. ए.) एवं उनके सदस्यो का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ होटल कैमबिन, ग्रीन चौक, दुर्ग में जिला जल एवं स्वच्छता समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भुरे एवं कार्यपालन अभियंता श्री समीर शर्मा के मार्गदर्शन में किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन “समर्थन(यूनिसेफ)” से आये मास्टर ट्रेनर श्री देवीदास निमजे, श्री मनीष कुमार झा, श्री नितेश सिंघरौल, श्रीमती गायत्री सिंह समेत सहयोगी कु. कृतिका वैष्णव इनके द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। जिसमेेेेें क्रियान्वित सहयोगी एजेंसी के सदस्यों को स्वच्छ जल एवं स्वच्छता विषय पर विभिन्न विशेषज्ञों ने विस्तार से जानकारी दी। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में जल के विवेकपूर्ण इस्तेमाल तथा व्यक्तिगत स्तर पर प्रबंधन सामूहिक व ग्राम स्तर पर जल प्रबंधन तथा संस्थानिक स्तर पर जल प्रबंधन के बारे में जागरूक किया गया।
विशेषज्ञों ने बताया कि जल जीवन मिशन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले सभी परिवारों को घरों तक पानी पहुंचाना है। 2024 तक ग्रामीण क्षेत्रों में सभी परिवारों तक पानी पाइपलाइन के माध्यम से घर-घर तक पहुंचाया जाएगा। देश के प्रत्येक परिवार को इस मिशन से जोड़ेंगे।
इस कार्यक्रम में बताया गया कि नल जल के माध्यम से घरों में लग रहे नल कनेक्शन का सही तरीके से इस्तेमाल करने और पानी को बचाने के लिए जन जागरूकता लोगों में लाना बहुत आवश्यक है, इसमें आप सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है। ग्राम स्तर पर जल जीवन मिशन के तहत किए जा रहे कार्यों के सही तरीके से संचालन करने के लिए सभी लोगों का दायित्व और भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस तरह के कार्यक्रम से सामुदायिक भागीदारी के साथ-साथ पेयजल के प्रति उपभोक्ताओं की संवेदनशीलता भी जरूरी है, ताकि सरकार की योजनाओं का सही क्रियान्वयन कर सफल बना सकें।
इस अवसर पर यूनिसेफ के जिला समन्वयक अंशुल मेश्राम, आईएसए जिला समन्वयक भावेश बावनकर, आई.ई.सी जिला समन्वयक काजल शर्मा, एम.आई.एस जिला समन्वयक रश्किा तिवारी, समन्वयक छवि नारायण देवांगन, समन्वयक लोकिता वर्मा एवं विभाग के अधिकारी व कर्मचारी सहित 7 क्रियावन्यन सहायता संस्थाओं के 40 प्रतिनिधि गण उपस्थित थे।