Indian News : इथियोपिया में नौकरी करने गए आजमगढ़ के 3 लोगों को 9 महीने तक बंधक बनाकर रखा गया। गुरूवार को ये लोग आजमगढ़ अपने घर पहुंच गए हैं। बंधक बनाए गए लोगों ने बताया कि 12 से 16 घंटे जबरन काम कराया जाता। खाने के लिए सिर्फ 3 रोटी, नमक, प्याज, लहसुन और मिर्च दी जाती। इतनी यातनाएं दी गईं कि जिंदगी भर उसे भूल नहीं सकता। वहीं वतन वापसी के बाद घर-परिवार के साथ बड़ी संख्या में रिश्तेदार भी घर आकर मिल रहे हैं। ऐसे में इन परिवारों में त्योहार जैसा माहौल हो गया है। जिले के तीन लोग गुरूवार को अयोध्या में श्रीरामजी और हनुमानजी के दर्शन कर आजमगढ़ आ गए हैं।
बंधक बने तीन लोगों में आजमगढ़ में वेलकुंडा के संजय कुमार मिश्र, चंदाभारी के राज बहादुर चौबे, जूड़ा रामपुर के संदीप सिंह। आजमगढ़ के निजामाबाद तहसील के चंदाभारी निवासी राजबहादुर चौबै ने दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए बताया कि आज दिन घर पर रिश्तेदारों का आना-जाना लगा रहा। सब लोग मिलकर हाल-चाल जानना चाहते हैं।वहीं वेलकुंडा के संजय कुमार मिश्र अपने परिजनों के साथ पास के मंदिर में दर्शन करने भी गए। संजय मिश्र के घर भी दिन पर रिश्तेदारों और शुभचिंतकों का आना-जाना लगा रहा। सभी लोग इथियोपिया में मिली यातनाओं के बारे में जानकारी लेते रहे।
राजबहादुर चौबे की बेटी रूपाली चौबे पिता के नौ माह बाद घर वापसी पर बहुत खुश है। बेटी रूपाली का कहना है कि पिताजी के घर आ जाने से त्योहार जैसा लग रहा है। हम सभी लोग बहुत खुश हैं। रूपाली का कहना है कि हम लोग पिताजी के घर आने के लिए लगातार भगवान से मन्नतें मांगते रहते थे और भगवान ने हम लोगों की सुन ली और पिताजी घर वापस आ गए।