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रायपुरः Porn addiction इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल से लोगों के बीच संपर्क बढ़ा है। लेकिन इसका एक दूसरा पक्ष ये भी है इंटरनेट पर कई कन्टेंट ऐसे हैं जो नाबालिग बच्चों की मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव डाल रहे हैं। इनमें से एक पॉर्नोग्रॉफी भी है। बच्चों में पोर्न देखने की लत में लगातार इजाफा हो रहा है। देश में 3 करोड़ बच्चे और 7 करोड़ वयस्क पोर्न की लत के शिकार हैं और नाबालिगों में ये लत उन्हें हिंसक भी बना रही है। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा में एक 10 साल की मासूम बच्ची इसी का शिकार बनी।
Porn addiction घटना बेमेतरा थाना क्षेत्र के ग्राम गांगपुर की है। 26 नवंबर शनिवार को 10 साल की बच्ची की लाश घर के कमरे में फांसी के फंदे से लटकती हुई मिली थी। पुलिस को घटनास्थल देखकर ही ये अंदाजा हो गया था कि ये खुदकुशी नहीं, बल्कि हत्या है। दरअसल बच्ची की ऊंचाई करीब 4 फीट थी, जबकि बरामदे में जिस बांस के झूलना पर उसकी लाश लटक रही थी, उसकी ऊंचाई 5 फीट 10 इंच तक थी। फंदे पर लटकी बच्ची की दोनों हथेलियां खुली हुई थी। आमतौर पर जब कोई खुद से फांसी लगाता है, तो मुट्ठी बंद या उंगलियां मुड़ी रहती हैं। बस पुलिस उसी समय से हत्या के एंगल से जांच करने में जुट गई।
जैसे ही आरोपी का खुलासा हुआ सब हैरान रह गए। आरोपी नाबालिग था और उसे पॉर्न देखने की लत थी। पूछताछ में नाबालिग आरोपी ने अपना जुर्म कबूल किया। इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के साथ पॉर्नोग्राफी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। वकील कमलेश वासवानी ने सुप्रीम कोर्ट में नए सिरे से दायर किए गए हलफनामे में यह बात कही है। कोर्ट को बताया गया कि देश में 3 करोड़ बच्चे और 7 करोड़ वयस्क पोर्न की लत के शिकार हैं। बच्चे और वयस्क पोर्न की लत के कारण समाज में अपराध बढ़ रहा है।