Indian News : नईदिल्ली । रूस- यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन और यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र में आग के बाद पूरी दुनिया सहम गई। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन में चार परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के साथ 15 रिएक्टर हैं जो युद्ध के हालात के बीच घातक हो सकते हैं। रिपोर्ट की मानें तो दुनिया के 35 मुल्कों में कुल 443 रिएक्टर हैं जहां दुनिया की कुल 10 फीसदी बिजली का उत्पादन होता है।
अमेरिका के पास सर्वाधिक 93 परमाणु ऊर्जा रिएक्टर हैं। फ्रांस के पास 56, चीन के पास 51 और रूस के पास 38 रिएक्टर हैं। भारत 23 रिएक्टर के साथ दुनिया में सातवें नंबर पर है।
20 देशों में 54 रिएक्टर निर्माणाधीन- आईएईए के अनुसार भारत, चीन, रूस, दक्षिण कोरिया, फिनलैंड और फ्रांस समेत कुल 20 देशों में अभी 54 परमाणु ऊर्जा रिएक्टर निर्माणाधीन हैं। चीन दुनिया में सबसे अधिक रिएक्टर बनाने वाला है देश है, जहां अभी 50 रिएक्टर संचालित हो रहे हैं। वहीं, 13 का निर्माण कार्य जारी है। इसी तरह भारत में सात से अधिक परमाणु संयंत्रों का निर्माण कार्य चल रहा है।
13 यूरोपीय देशों के पास परमाणु संयंत्र- यूरोपीय संघ के 27 देशों में से 13 के पास परमाणु ऊर्जा संयंत्र हैं। यहां कुल 107 रिएक्टर संचालित हैं जहां पूरे संघ में उपभोग होने वाली बिजली का 26 फीसदी भाग का उत्पादन होता है। स्लोवाकिया, फिनलैंड और फ्रांस में चार ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण कार्य जारी है। फ्रांस यूरोपीय संघ का सबसे बड़ा देश हैं जहां सबसे अधिक 56 क्रियाशील रिएक्टर हैं।
परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में हादसे: 1986: यूक्रेन के चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में हादसा हुआ। इसकी रेटिंग सात थी। जो इतिहास का सबसे भयावह हादसा माना जाता है। हादसे में सीधे तौर पर 100 लोगों की मौत हुई थी जबकि लंबे समय तक जानमाल का नुकसान होता रहा।
2011: जापान के फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र में ग्यारह मार्च को सुनामी और भूकंप के कारण हादसा हुआ। इसकी भी रेटिंग सात थी। हादसे से तुरंत मौत तो नहीं हुई थी लेकिन विकिरण की चपेट में आकर संयंत्र पर काम करने वाले कई कर्मचारी झुलस गए थे।
1952 से 2019 के बीच दुनियाभर में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों पर कुल 99 हादसे हुए हैं। हालांकि समय रहते इन हादसों पर काबू पा लिया गया। दो प्रमुख हादसों को छोड़कर किसी हादसे में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
हादसे की रेटिंग पांच से अधिक तो खतरा- इंटरनेशनल न्यूक्लियर एंड रेडियोलॉजिकल इवेंट स्केल (आईएनईएस) के अनुसार परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों से हुए हादसे की रेटिंग एक से चार के बीच है तो इसका दायरा सीमित होता है। दायरा पांच से सात के बीच है तो ये भयावह होता है। बड़े पैमाने पर इसके दुष्परिणाम दिख सकते हैं। दुनियाभर में इस रेटिंग के अबतक सिर्फ दो हादसे हुए हैं।