Indian News : यूक्रेन। नाटो ने बुधवार को दावा किया कि यूक्रेन में पिछले चार हफ्ते से जारी लड़ाई में 7000 से 15000 रूसी सैनिक मारे गये हैं तुलनात्मक दृष्टि से रूस ने अफगानिस्तान में 10 वर्षों में करीब 15000 सैनिक गंवाये थे।

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गठबंधन का यह आकलन यूक्रेन के अधिकारियों से मिली जानकारी तथा खुले स्रोतों से जुटायी गयी खुफिया सूचनाओं पर आधारित है जिसे रूस ने जानबूझकर जारी किया या नहीं किया। अधिकारी ने नाटो द्वारा तय नियमों के तहत अपनी पहचान नहीं बताने की शर्त पर यह जानकारी दी।

यूक्रेन ने अपने सैन्य नुकसान के बारे में बहुत कम सूचना जारी की है और पश्चिमी देशों ने भी कोई आकलन नहीं दिया। बहरहाल, दो सप्ताह पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा था कि उनके करीब 1300 सैनिक युद्ध में मारे गये हैं। रूस ने 24 फरवरी को यू्क्रेन पर अपनी सैन्य कार्रवाई शुरू की थी और इस बुधवार को लड़ाई के चार हफ्ते हो गये। दूसरे विश्व युद्ध के बाद से यह सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई है।




इस बीच जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से एकजुट रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि रूस ‘‘अपने हितों की पैरवी’’ कराने के लिए ‘‘कुछ भागीदारों’’ को अपने पक्ष में लाने के प्रयास कर रहा है। बीती रात राष्ट्र के नाम वीडियो संबोधन में भावुक होते हुए जेलेंस्की ने कहा, ‘‘ हम देखेंगे कि कौन मित्र है, कौन साझीदार है और कौन बिक गया है और किसने हमें धोखा दिया है।’’

जेलेंस्की ने कहा, ‘‘हमें मिलकर, रूस को नाटो, यूरोपीय संघ या जी-7 में से किसी भी सदस्य देश को युद्ध के समर्थन में लाने से रोकना होगा।’’ उन्होंने कहा कि यूक्रेन के आसमान को अब भी रूसी विमानों तथा मिसाइलों के लिए बंद नहीं किया गया है और यूक्रेन को लड़ाकू विमान या आधुनिक वायु-रक्षा प्रणाली नहीं मिली है, जिसका उसने अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को भी टैंक और ‘युद्धपोत-रोधी प्रणाली’ की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि वे एक महीने से खुद को तबाह होने से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। ‘‘ हम दुश्मन के अनुमान से छह गुना अधिक समय तक टिके रहे हैं, लेकिन रूसी सैनिक हमारे शहरों को नष्ट कर रहे हैं, अंधाधुंध नागरिकों को मार रहे हैं, महिलाओं के साथ बलात्कार कर रहे हैं, बच्चों का अपहरण कर रहे हैं, शरणार्थियों को गोली मार रहे हैं, सहायता केन्द्रों पर कब्जा कर रहे हैं और लूटपाट कर रहे हैं।’’ जेलेंस्की ने रूस के लोगों से अपील की कि वह रूस छोड़ दें, ताकि उनके दिए हुए कर के पैसे का इस्तेमाल युद्ध के लिए न किया जाए।

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