Indian News : पुलिस को बायोमेट्रिक डेटा एकत्र करने की अनुमति देने वाला विधेयक लोकसभा में पारित हो गया है। सदन ने साेमवार को अपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक को मंजूरी दे दी। इससे पहले बिल पर बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक लाने के पीछे सरकार की मंशा देश की कानून-व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना है। मसौदा कानून में इसका ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि विधेयक में अपराधियों के साथ-साथ अपराधों के आरोपी व्यक्तियों के बायोमेट्रिक डेटा लेने के लिए पुलिस को कानूनी मंजूरी प्रदान करने का प्रयास किया गया है।
अपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक पर चर्चा करते हुए शाह ने कहा कि विधेयक के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार एक मॉडल जेल मैनुअल भी तैयार कर रही है जिसे राज्यों को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि जेल मैनुअल को भेजने से बहुत सारी चिंताओं का समाधान किया जाएगा। इसमें कैदियों के पुनर्वास, उन्हें फिर से मुख्यधारा का हिस्सा बनाने, जेल अधिकारियों के अधिकारों को सीमित करने, अनुशासन बनाए रखने, सुरक्षा जैसे विषयों से संबंधित विभिन्न प्रावधान हैं। साथ ही इसमें महिलाओं के लिए अलग जेल और खुली जेल बनाने की बात भी कही गई है।
उन्होंने कहा कि यह विधेयक कैदियों की पहचान अधिनियम, 1920 की जगह लेगा। मौजूदा कानून मौजूदा स्थिति, विज्ञान, अदालतों में अपराध साबित करने और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मजबूत करने जैसे विभिन्न दृष्टिकोणों को देखते हुए अप्रासंगिक हो गया है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक न केवल वर्तमान कानून के तहत आने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद करेगा बल्कि साक्ष्य एकत्र करने को भी ताकत देगा।
गृह मंत्री ने कहा कि जब तक अदालतों में अपराध साबित करने की शक्तियों को नहीं बढ़ाया जाता, एक तरह से कानून व्यवस्था की स्थिति और देश की आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखना और मजबूत करना असंभव होगा।
विधेयक पेश किए जाने के समय सदस्यों ने इसका बहुत विरोध व्यक्त किया। इस पर अमित शाह ने कहा कि उनके द्वारा मानव और व्यक्तिगत अधिकारों के दृष्टिकोण से चिंता व्यक्त की गई थी।उन्होंने कहा कि उनकी चिंताएं जायज हैं लेकिन इस बिल में उनका पहले से ही जिक्र किया गया है। गृहमंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि 1980 में तत्कालीन विधि आयोग ने भी वर्तमान कानून पर फिर से विचार करने की सिफारिश की थी। अमित शाह ने कहा कि सत्ता में आने के बाद, हमने राज्यों के साथ इसको लेकर चर्चा की थी और इस पर विचार मांगे थे।
शाह ने कहा कि अगर हम कानून में जरूरी बदलाव नहीं करते हैं, तो हम अदालतों को अपराध साबित करने के लिए सबूत मुहैया कराने में पिछड़ जाएंगे। इससे एक तरह से जांच में मदद नहीं मिलेगी।
क्या है इस बिल में
इस बिल में गिरफ्तार किए गए किसी व्यक्ति के निजी बायोलॉजिकल डाटा इकट्ठा करने की छूट देता है। इसमें पुलिस को अंगुलियों, पैरों, हथेलियों के निशान, रेटिना स्कैन, भौतिक, जैविक नमूने और उनके विश्लेषण, हस्ताक्षर, लिखावट या अन्य तरह का डाटा एकत्र करने की छूट होगी।
विरोधी दल इसे सरकार की जरूरत से ज्यादा निगरानी और निजता का हनन बता रहे हैं। अगर ये बिल कानून का रूप लेता है तो ये कैदियों की पहचान अधिनियम, 1920 की जगह लेगा। मौजूदा कानून केवल ऐसे कैदियों की सीमित जानकारी एकत्र करने की बात कहता है जो या तो दोषी करार हो चुके हैं या फिर सजा काट रहे हैं। इसमें भी केवल उंगलियों के निशान और पदचिह्न ही लिया जा सकता है।
पीयूष गोयल के खिलाफ दोनों सदनों में विशेषाधिकार हनन का नोटिस
टीआरएस के सांसदों ने सोमवार को खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल के खिलाफ राज्यसभा और लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। टीआरएस सांसदों का आरोप है कि केंद्रीय मंत्री ने उबले हुए चावलों के निर्यात के मुद्दे पर सदन को गुमराह किया है।
तेल-गैस कीमतों पर राज्यसभा ठप, लोकसभा से वाकआउट
पेट्रो उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी पर चर्चा की मांग खारिज होने पर विपक्ष ने सोमवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा किया। इससे सदन की कार्यवाही पहले दो बार और फिर मंगलवार तक स्थगित करनी पड़ी। लोकसभा में भी नारेबाजी के बाद विपक्ष ने बहिर्गमन किया।
विपक्ष की मांग थी कि नियम 267 के नोटिस पर अन्य काम रोककर चर्चा कराई जाए, लेकिन सभापति ने कहा कि नियम 267 के तहत चर्चा की मांग सही नहीं है, इसलिए इसे स्वीकार करने का सवाल नहीं उठता है। शून्यकाल में आपको बात कहने का मौका दिया जाएगा। उधर, लोकसभा में भी इस मुद्दे पर नारेबाजी के बाद कांग्रेस, टीएमसी और शिवसेना ने बहिर्गमन किया। शून्यकाल में द्रमुक समेत विपक्षी दलों के सदस्य वेल में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। इसके बावजूद जब आसन पर मौजूद राजेंद्र अग्रवाल सदन को चलाना जारी रखा तो कांग्रेस सहित विपक्षी सदन से निकल गए।
दो बार ठहरा उच्च सदन
मांग खारिज होने पर उच्च सदन में विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। इससे कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्षी सदस्य फिर से नारेबाजी करने लगे और दूसरी और ईरण्णा कडाडी ने सवाल किया, जिसका केंद्रीय मंत्री ने हंगामे के बीच जवाब दिया। विपक्ष के सदस्य वेल की ओर बढ़े तो उपसभापति ने सदन दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया। दो बजे सदन शुरू होने के बाद भी विपक्ष चर्चा पर अड़ा रहा जिससेे सदन दिनभर के लिए स्थगित हो गया।
देवगौड़ा के बयान में बाधा दुर्भाग्यपूर्ण
राज्यसभा में बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति रही कि प्वाइंट ऑफ ऑर्डर पर द्रमुक और तृणमूल के नेता बोलने लगे, तो विपक्षी सदस्यों ने उन्हें सुना। लेकिन जब पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा ने विषय रखना चाहा, तो सदन में व्यवधान डाला गया। वरिष्ठ नेताओं को सुनने की संसदीय परंपरा को आगे बढ़ाना चाहिए। विपक्ष के सदस्यों ने जिस प्रकार से देवगौड़ा के बोलने पर आचरण किया, उन्हें खेद व्यक्त करना चाहिए। -भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्री
रैपिड रेल कॉरिडोर 2025 तक होगा पूरा
सरकार ने कहा है कि दिल्ली और मेरठ के बीच रैपिड रेल का काम जून 2025 तक पूरा हो जाएगा। इस साल 28 फरवरी तक 25 फीसदी काम समाप्त हो चुका है। आवास और शहरी कार्य राज्यमंत्री कौशल किशोर ने राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम लि. के अनुसार, यह तय समय सीमा में ही समाप्त हो जाएगा। उन्होंने बताया कि एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में परिवहन के लिए क्रियान्वयन योजना 2032 तैयार की है। इसके तहत एनसीआर के सभी प्रमुख शहर हाई स्पीड रेल प्रणाली से जुड़ जाएंगे।
तीन साल में बाघों ने मारे 108 लोग
देश में 2019 से 2021 के दौरान बाघों ने 108 लोगों को मार दिया। लोकसभा में केंद्रीय पर्यावरण राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने सोमवार को बताया कि मृतक संख्या घटी है। 2019 में 50 लोग बाघों के शिकार हुए थे, 2021 में संख्या 14 रह गई। सबसे ज्यादा लोग महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में मारे गए। 2021 में इन दोनों राज्यों में 5-5 लोग मारे गए, बिहार में 3 और उत्तराखंड में 1 व्यक्ति को बाघ ने मारा। बीते 3 साल में भी सबसे ज्यादा 56 लोग महाराष्ट्र में मारे गए।
टीएमसी सांसद डेरेक की चुनौती, महिला आरक्षण विधेयक पेश कर दिखाएं
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने सोमवार को ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी कि आठ अप्रैल से पहले महिला आरक्षण विधेयक को राज्यसभा में पेश करें और नियम 168 के तहत टीएमसी के प्रस्ताव को स्वीकार कर और मतदान कराएं। ट्वीट करने से पहले ब्रायन ने राज्यसभा में नियम 168 के तहत नोटिस देकर महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पेश करने का प्रस्ताव रखा।
ड्रग्स तस्करी में जमकर हो रहा क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल
देश में एनसीबी और सीबीआईसी ने ड्रग्स तस्करी के 11 मामलों में 2.2 करोड़ रुपये का क्रिप्टोकरेंसी के रूप में भुगतान का पता लगाया है। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया, साइबर और फोरेंसिक तकनीकों में अफसरों को दक्ष बनाने के लिए प्रशिक्षण दिला रही है। सुबूत जुटाने में तकनीक उपयोग बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। ड्रग्स तस्करी में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर विदेशी एजेंसियों से समन्वय और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी पर जोर दिया जा रहा है।
मेटावर्स पर करीबी नजर
वेब 3.0 पर सरकार के नियमों को लेकर पूछे गए सवाल में जवाब में उन्होंने कहा, मेटावर्स या वेब 3.0 से संबंधित प्रौद्योगिकियां अभी भी विकसित हो रही हैं। सरकार इन पर करीबी नजर रखे है।
केंद्रीय विश्वविद्यालयों के 24 छात्रों ने की आत्महत्या
सरकार ने लोकसभा में बताया, 5 वर्ष में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के 24 छात्रों ने आत्महत्या की है। केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के हवाले से सोमवार को जानकारी दी कि यूपी के मुरादाबाद के तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय में भी दो छात्रों ने जान दी है।
मंत्री ने बताया, यूजीसी ने छात्रों की शिकायतों के निवारण विनियम, 2019 के तहत छात्रों के हितों की रक्षा का ढांचा तैयार किया है। उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग पर अंकुश लगाने के लिए यूजीसी विनियम, 2009 को भी अधिसूचित किया है।
उपाय…ताकि पढ़ाई तनाव न दे
छात्रों के बीच समूह अध्ययन या एकदूसरे की मदद (पीयर असिस्टेड लर्निंग) के जरिये कोर्स समझने में सहायता
मनोदर्पण पहल के तहत कोविड और अन्य कारणों से हुए तनाव से निपटने के लिए छात्रों, शिक्षकों और उनके परिवारों को मनोवैज्ञानिक मदद
तकनीकी शिक्षा क्षेत्रीय भाषाओं में
वार्डन समेत संबंधित शिक्षकों को छात्रों में अवसाद के लक्षण पहचानने का प्रशिक्षण संस्थानों के स्तर पर खुशी और छात्र कल्याण पर कार्यशालाएं व सेमिनार। योग सत्र, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियां चंडीगढ़ पर कब्जे की जंग संसद में पहुंची, कांग्रेस सांसद हुड्डा ने चर्चा के लिए दिया नोटिस चंडीगढ़ को लेकर पंजाब-हरियाणा की जंग अब संसद तक पहुंच गई है। सोमवार को हरियाणा से कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने चंडीगढ़ को लेकर पंजाब विधानसभा के प्रस्ताव को असांविधानिक व भ्रामक बताते हुए नियम 267 के तहत चर्चा का नोटिस दिया। नोटिस में उन्होंने कहा, 1 अप्रैल, 2022 को पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ के स्थानांतरण का एकतरफा प्रस्ताव पारित किया गया है।
इस बेहद गंभीर मसले पर तुरंत चर्चा की जरूरत है, क्योंकि पंजाब के प्रस्ताव में कहा गया है कि चंडीगढ़ को पंजाब की राजधानी के तौर पर बनाया गया था। यह तथ्य भ्रामक है, साथ ही पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 का घोर उल्लंघन है। इस प्रस्ताव से पूरे क्षेत्र में शांति, सद्भाव और स्थिरता भंग होने की संभावना है। चंडीगढ़ पर हरियाणा का दावा और नदी व पानी में हिस्सेदारी भारत के संविधान के तहत कानूनी रूप से संरक्षित है।
चंडीगढ़ के कर्मियों पर केंद्रीय सेवा नियम लागू होने से विवाद
असल में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 27 मार्च को चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों को केंद्रीय सेवा नियमों के तहत लाए जाने की घोषणा की थी। पंजाब के मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री की घोषणा को पंजाब में भाजपा की हार के बदले में लिया फैसला बताते हुए चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकारों हमला बताया था। इसके बाद पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित कर भगवंत मान ने 1 अप्रैल को विधानसभा में चंडीगढ़ को पंजाब को सौंपने का प्रस्ताव पारित किया था।
भारतीय रिटेल निवेशकों में विदेशी निवेश के झटकों से उबारने की क्षमता : निर्मला
विदेशी निवेशकों के जाने से बाजार में पैदा हुए झटकों से उबारने की क्षमता आज भारतीय रिटेल निवेशकों ने हासिल कर ली है। लोकसभा में सोमवार को यह दावा करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘हमें सदन में खड़े होकर भारतीय रिटेल निवेशकों की प्रशंसा करनी चाहिए, जो आज बाजार में आत्मविश्वास दिखा रहे हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर के एक सवाल पर उन्होंने बताया, भारत आज भी सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पाने वाला देश है। लेकिन वे ब्याज दरों को देखकर निवेश करते हैं, जो बढ़ती-घटती रहती हैं। वे भी आते-जाते रहते हैं।
विदेशी निवेशकों ने 1.14 लाख करोड़ निकाले : थरूर
शशि थरूर ने बताया था कि विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से हाल में 1.14 लाख करोड़ रुपये निकाल लिये हैं। विदेशी निवेश में इस लगातार गिरावट के रुझान पर वित्तमंत्री को जवाब देना चाहिए। इसे कैसे रोका जाए, यह भी बताएं? वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय बाजार में जो पैसा आ रहा है, वह यहां रुक रहा है। इसकी वजह से नौकरियां बढ़ रही हैं और भविष्य बेहतर हो रहा है।
दवाओं पर 12% तक…तो स्वास्थ्य बीमा पर 18% जीएसटी की वसूली
भारत में कोविड दवाओं व उपकरणों को 5 प्रतिशत जीएसटी दर पर बेचा जा रहा है। यह दर स्थिर रखी गई है। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि बाकी दवाओं पर 5 से 12 प्रतिशत तक जीएसटी लिया जा रहा है। सरकारों के सहयोग से चल रही स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में 66 प्रतिशत योजनाएं केंद्र की हैं।
पंकज चौधरी ने प्रश्नकाल में बताया कि कोरोना महामारी में दवाओं पर जीएसटी को लेकर निर्णय लिए गए। स्वास्थ्य बीमा पर 18 प्रतिशत जीएसटी है, यह दर जीएसटी के पहले लागू दर के लगभग बराबर है। वंचित वर्ग के लिए बनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, यूनिवर्सल स्वास्थ्य बीमा योजना, जन आरोग्य बीमा योजना और निरामय स्वास्थ्य बीमा योजना को जीएसटी मुक्त रखा गया है।
वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स छूट
वरिष्ठ नागरिक बीमा पॉलिसी पर 1 लाख रुपये तक की टैक्स छूट पा सकते हैं। यह सारी दरें और छूट जीएसटी काउंसिल की सिफारिश पर लागू हुई हैं, जो एक सांविधानिक संस्था है, इसमें केंद्रीय वित्त मंत्री और राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा नामित अन्य मंत्री होते हैं।
हरसिमरत ने की बेअंत के हत्यारे आतंकियों की रिहाई की मांग
अकाली दल की हरसिमरत कौर ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना और दिल्ली में 1993 में हुए धमाके के मास्टर माइंड प्रो दविंदर सिंह भुल्लर की तत्काल रिहाई की मांग की। लोकसभा में सोमवार को उन्होंने कहा कि इंदिरा के कार्यकाल में अकाल तख्त पर सैन्य कार्रवाई के कारण वे भावनाओं में बह गए थे।
हरसिमरत ने कहा राजोआना, भुल्लर जैसे कई सिख अपनी तय सजा से अधिक समय से जेल में बंद हैं। इनमें भुल्लर की याददाश्त भी चली गई है। ऐसे में मानवीय आधार पर इन्हें जेल से तत्काल रिहा कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब राजीव गांधी के हत्यारे को रिहा किया जा सकता है तो इस मामले में ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता?
बलिया पेपर लीक : पत्रकारों की गिरफ्तारी पर लोकसभा में हंगामा
उत्तर प्रदेश में प्रश्नपत्र लीक होने की लगातार हो रही घटनाओं और बलिया में इसे उजागर करने वाले पत्रकारों की गिरफ्तारी पर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी सदस्यों ने यूपी सरकार और प्रशासन पर नकल माफिया को संरक्षण देने और पत्रकारों को जेल भेजकर धमकाने का आरोप लगाया। सदस्यों ने राज्य में बार-बार प्रश्नपत्र लीक होने के मामले की विशेष जांच कराने की मांग की।
शून्यकाल में बसपा सांसद दानिश अली ने मामला उठाते हुए कहा, बलिया में बोर्ड के संस्कृत व अंग्रेजी का पर्चे लीक होने के मामले में प्रशासन ने उन्हीं पत्रकारों को जेल भेज दिया, जिन्होंने प्रश्नपत्र लीक होने की जानकारी दी थी। व्हिसल ब्लोअर को धमकाने व पत्रकारों के उत्पीड़न का मामला बताते हुए उन्होंने कहा, सरकार और प्रशासन नहीं चाहते कि ऐसे मामले कोई उजागर करे।
पांच साल में 18 बार लीक
यूपी में नकल माफिया राजनीतिक संरक्षण और प्रशासनिक मिलीभगत से फल-फूल रहा है। सांठगांठ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते पांच साल में विभिन्न परीक्षाओं के पर्चे 18 बार लीक हुए। इतनी बार पर्चे लीक होने के बावजूद आज तक किसी नकल माफिया पर कार्रवाई नहीं हुई। -दानिश अली, बसपा सांसद
सड़क पर उतरे कलम के सिपाही
माध्यमिक शिक्षा परिषद की इंटरमीडिएट परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में तीन पत्रकारों को जेल भेजने पर पत्रकारों का गुस्सा सोमवार को फूट पड़ा। संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा के बैनर तले एकजुट पत्रकारों ने बापू भवन से जुलूस निकाला। नगर भ्रमण करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे और धरना दिया। राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निलंबित करने व उन पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई। साथ ही, साथियों की रिहाई तक आंदोलन को चलाने का एलान किया।