Indian News : रायपुर | प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा है कि मोदी सरकार महंगाई को नियंत्रित करने में पूरी तरह नाकाम रही है । 100 दिन में महंगाई कम करने का झांसा देकर केंद्र में बैठी मोदी सरकार ने अब जनता के प्रति जवाबदेही से मुंह मोड़ लिया है । भुखमरी इंडेक्स में भारत लगातार नीचे आ जा रहा है । आंकड़ों के अनुसार देश के 45 करोड़ युवा गलत आर्थिक नीतियों से हताश होकर नौकरी की तलाश ही बंद कर चुका है । मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते देश की अर्थव्यवस्था तेजी से उल्टे पांव भाग रही है । जीडीपी लगातार लक्ष्य और अनुमान से कम हो रहा है ।
नई नौकरी तो दूर लोगों की लगी लगाई नौकरी छीनी जा रही है बेरोजगारी ऐतिहासिक रूप से शिखर पर है, लेकिन मोदी सरकार आत्ममुग्धता से बाहर ही नहीं आ पा रही है । अगर देश की सरकार ही जिम्मेदारी नहीं लेगी तो समस्या का समाधान कैसे होगा? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा है कि मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था लगातार गर्त में जा रही है । देश की जीडीपी 8.2 से गिरकर 5.7 हो गई है। विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहे है । अंतरराष्ट्रीय व्यापार संतुलन बिगड़ने से आयात पर निर्भरता तेजी से बढ़ रही है। देश पर कुल कर्ज का भार 3 गुना बढ़ चुका है ।
विगत 12 महीनों में डॉलर के मुकाबले रुपए का मूल्य 12 प्रतिशत से ज्यादा गिर चुका है । मोदी राज में विगत एक माह में ही विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 26 बिलियन डॉलर कम हुआ है । अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 2014 की तुलना में 20 परसेंट कम होने के बावजूद डीजल और पेट्रोल 30 से 40 रुपए प्रति लीटर महंगे बेचे जा रहे है । थोक और खुदरा महंगाई दर आरबीआई द्वारा तय सीमा से लगातार ऊपर है लेकिन मोदी सरकार का फोकस केवल चंद पूंजीपतियों के मुनाफे पर केंद्रित है । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा है कि रूपया 1 डॉलर के मुकाबले 82 पार करने पर तुला हुआ है। पिछले 18 महीनों में रुपए के मूल्य में 12 प्रतिशत से ज़्यादा गिरावट हो गई है। मोदी सरकार के 8 साल के कार्यकाल में रूपया 1 डॉलर के मुकाबले 24 रुपए (43.5 प्रतिशत) तक गिरा है ।
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मोदी के राज में भारत की विदेशी मुद्रा भंडार पिछले 1 महीने में 26 बिलियन डॉलर कम हुआ, 1 साल में 642 बिलियन डॉलर से गिरकर 545.5 बिलियन डॉलर पर पहुँचा । रुपया कमजोर होने का मतलब है। विदेश से समानों आयात की लागत बढ़ना। जैसे – कोई सामान विदेश से 1 डॉलर में आता है तो 2013 में हमें 58 रुपए चुकाने होते थे वहीं, अब इसी सामान के 82 रुपए चुकाने होंगे, पूरे 9 रुपए ज्यादा । जब कोई सामान विदेश से 9 रुपए ज्यादा कीमत पर देश में आएगा, तो लोगों को भी महंगे दाम पर मिलेगा । जैसे – भारत 80 प्रतिशत कच्चा तेल आयात करता है, अब यह महंगे दाम पर भारत आएगा। तेल महंगा होगा, तो महंगाई बढ़ेगी, आखिर डीज़ल के ट्रकों से ही ज्यादातर माल (फल, सब्जी, खाद्यान्न, और अन्य चीजें) ढोए जाते हैं, तो उसकी लागत बढ़ जाएगी । इसकी वजह से चीजें महंगी होंगी ।
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