Indian News : यूक्रेन में खूनी जंग जारी है। दुनिया अभी भी महामारी से उबर रही है। महंगाई अपने चरम पर है। दुनिया को ऐसी हालात में पहुंचाने या इससे निकालने के लिए जिम्मेदार तीन सुपरपावर देशों के सुप्रीम लीडर्स के गंभीर बीमार होने की खबरें आ रही हैं।

1. शी जिनपिंगः चीन के राष्ट्रपति

कौन-सी बीमारी?

68 साल के चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ‘सेरेब्रल एन्यूरिज्म’ से पीड़ित बताए जा रहे हैं। इससे पीड़ित इंसान के दिमाग की नसें कमजोर होकर फूल जाती हैं। यह देखने में पतली टहनी के लटके हुए छोटे दाने की तरह लगता है। इसके फूटने से सिर में दर्द, उल्टी, गर्दन में कड़ापन महसूस होता है। इंसान निस्तेज हो जाता है और उसे चलने में भी कठिनाई होती है।




कहां मिले संकेत?

  • मार्च 2019 में इटली यात्रा के दौरान उनके कदम लड़खड़ा रहे थे, बाद में जब वो फ्रांस पहुंचे तो यहां भी उन्हें बैठने के लिए मदद लेनी पड़ी।
  • इसी तरह अक्टूबर 2020 में शेनझेन में भाषण के दौरान उनकी आवाज काफी धीमी थी और वो खांस रहे थे। तब उनके बीमार होने आशंका और बढ़ गई थी।
  • उन्होंने कोरोना लहर खत्म होने के बाद भी विदेशी नेताओं से मिलने से परहेज किया था। लंबे समय बाद बीजिंग विंटर ओलिंपिक में वो सामने आए थे।

किस हालत में देश?

बीते कुछ वक्त से चीनी अर्थव्यवस्था बुरी तरह से लड़खड़ा रही है। यूक्रेन युद्ध की वजह से चीन में गैस और तेल की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं। जीरो कोविड पॉलिसी की वजह से भी इकोनॉमी मुश्किल में है। बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव के जरिए चीन ने दुनिया भर में कर्ज बांट रखा है। चीनी कंपनियों पर सरकारी कहर बढ़ता जा रहा है। इन सबकी जिम्मेदारी शी जिनपिंग के कंधों पर है और वो अपने तीसरे कार्यकाल की तरफ देख रहे हैं।

2. जो बाइडेनः अमेरिका के राष्ट्रपति

कौन-सी बीमारी?

79 साल के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को बढ़ती उम्र की बीमारियों ने घेर रखा है। कुछ रिपोर्ट्स में उन्हें डिमेंशिया का रोगी बताया जा रहा है। बाइडेन को 1988 में ‘ब्रेन एन्यूरिज्म’ भी हुआ था, जिसका वो इलाज करा चुके हैं। इसके दोबारा होने के सिर्फ 20% चांस हैं। बाइडेन अपना गाल ब्लैडर भी निकलवा चुके हैं। अमेरिकन फेडरेशन फॉर एजिंग रिसर्च के एक एकेडमिक पेपर के मुताबिक 79% चांस हैं कि बाइडेन बतौर राष्ट्रपति अपना पहला कार्यकाल पूरा होने तक जीवित रह पाएं।

कहां मिले संकेत?

  • 15 अप्रैल 2022 को बाइडेन उत्तरी कैरोलिना की पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी में भाषण दे रहे थे। भाषण के खत्म होने के बाद बाइडेन अकेले ही हवा में हाथ मिलाते दिखे। इस कार्यक्रम में बाइडेन के साथ स्टेज शेयर करने वाला कोई नहीं था।
  • इससे पहले व्हाइट हाउस के एक कार्यक्रम में भी बाइडेन बहुत विचलित दिखाई दिए थे। उस कार्यक्रम में बराक ओबामा भी मौजूद थे। बाइडेन के आलोचक उन्हें ‘स्लीपी जो’ भी कहते हैं।

किस हालत में देश?

अमेरिका के सामने फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती रूस-यूक्रेन युद्ध और उससे पैदा हुए हालात हैं। प्रतिबंधों से बेपरवाह रूस अपनी मनमानी कर रहा है। इससे दुनिया भर में वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं। अमेरिका भी इससे अछूता नहीं है। कोविड के बाद GDP को गति देने, नौकरियों के अवसर पैदा करने, महामारी की रोकथाम और वैश्विक शांति के लिए कदम उठाने की जिम्मेदारी जो बाइडेन के कंधों पर है।

3. व्लादिमिर पुतिनः रूस के राष्ट्रपति

कौन-सी बीमारी?

69 साल के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन अपनी हेल्थ को लेकर बेहद गोपनीयता बरतते हैं। इसलिए उनकी फोटो और वीडियो के जरिए उनकी सेहत के कयास लगते रहते हैं। कई हालिया रिपोर्ट्स में उन्हें थायरॉइड के कैंसर होने की बात कही गई है। कुछ रिपोर्ट्स में उन्हें पार्किंसन बीमारी से भी पीड़ित बताया गया है। ये एक तरह का मानसिक रोग है, जिसमें व्यक्ति को चलने में परेशानी, शरीर में कंपन, संतुलन की समस्याएं होती हैं।

कहां मिले संकेत?

  • पिछले दिनों पुतिन के दो वीडियो वायरल हुए। पहला वीडियो बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको से हाथ मिलाने के दौरान का है। वीडियो में लुकाशेंको का इंतजार कर रहे पुतिन का हाथ तेजी से कांप रहा है। कंपकंपी रोकने के लिए वो अपना हाथ सीने से लगाते हैं और लुकाशेंको की तरफ जाते हुए लड़खड़ा जाते हैं।
  • इससे पहले 12 मिनट के एक वीडियो में पुतिन रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु से मुलाकात के दौरान टेबल का एक कोना लगातार पकड़ कर बैठे दिख रहे थे। इस दौरान उनके दाहिने हाथ का अंगूठा और पांव हिल रहा था। वह बहुत ही ढीली सी मुद्रा में बैठे थे। पुतिन का चेहरा सूजा हुआ दिख रहा था। बोलते वक्त उनकी आवाज लड़खड़ा रही थी।
  • एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मॉस्को के सेंट्रल क्लिनिकल अस्पताल के सर्जन येवगेनी सेलिवानोव काला सागर तट पर स्थित पुतिन के महल में उनसे मिलने के लिए 35 बार जा चुके हैं। सेलिवानोव थायरॉयड कैंसर के विशेषज्ञ हैं।

किस हालत में देश?

यूक्रेन पर रूसी हमले के ढाई महीने हो चुके हैं। जंग से अभी तक रूस को निराशा ही हाथ लगी है। पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बाद रूसी अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। रूसी मुद्रा- रूबल, नीचे गिरती जा रही है। कई देशों ने रूस से कूटनीतिक रिश्ते भी तोड़ लिए हैं। इन सब के लिए पुतिन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

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