indian news : नई दिल्ली | भारत के प्रमुख अधिवक्ता और हिंदू फ्रंट के प्रवक्ता विष्णु शंकर जैन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाया है। जैन का यह बयान राहुल गांधी को “देश का नंबर एक आतंकी” कहने के विवाद से जुड़ा है, जिसने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है।

विष्णु जैन ने कहा कि सोनिया गांधी भारत की नागरिक नहीं हैं, बल्कि भारतीय नागरिक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता, वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने यह मुद्दा उठाते हुए चुनावी बोली लगाई थी। जैन ने पॉडकास्ट में उल्लेख किया कि यह केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं था, बल्कि भारतीय नागरिकता की स्थिति को चुनौती देने की कोशिश थी।

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विष्णु ने याद दिलाया कि उनके पिता ने 1999 में सोनिया गांधी के खिलाफ चुनावी लड़ाई लड़ी थी, न कि जीतने के लिए, बल्कि यह साबित करने के लिए कि सोनिया भारत की नागरिक नहीं हैं। उन्होंने कहा, “मेरे पिता ने जीतने के लिए नहीं, बल्कि एक मुद्दा बनाने के लिए लड़ाई लड़ी।”

जैन ने बताया कि 14 साल की उम्र में वह अदालत की कार्यवाही को करीब से देख रहे थे। उन्होंने कहा, “आरत में चुनाव लड़ने का मानदंड भारत का नागरिक होना है। केवल वही लोग चुनाव लड़ सकते हैं जो यहां पैदा हुए हैं और जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।”

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विष्णु ने यह भी कहा कि उनके पिता ने यह तर्क सर्वोच्च न्यायालय में पेश किया था, जहां माननीय न्यायमूर्ति रमेश चंद्र लाहोटी ने भी इस पर ध्यान दिया। जैन ने यह स्पष्ट किया कि जो लोग नागरिकता प्राप्त करते हैं, वे भारतीय नागरिक नहीं बल्कि नागरिकता के दृष्टिकोण से अलग होते हैं|

इस विवादास्पद टिप्पणी के बाद, भारतीय राजनीति में सोनिया गांधी की नागरिकता को लेकर फिर से चर्चाएँ शुरू हो गई हैं। विष्णु शंकर जैन का बयान इस मामले में नई बहस को जन्म दे सकता है, जिससे राजनीतिक दलों के बीच विवाद और भी बढ़ सकता है।

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